गया/ Pradeep Ranjan वैश्य समाज ने खुद की राजनीतिक उपेक्षा किए जाने के विरोध में बोधगया के महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में चिंतन बैठक की. बैठक में जिले भर के वैश्य जाति और उनकी उपजातियों के नेता एकजुट हुए.
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार सहित कई गणमान्य लोग भी शामिल हुए.
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कार्यक्रम में शामिल तैलिक साहू सभा के जिलाध्यक्ष संजय साव ने कहा कि बैठक का उद्देश्य समाज की राजनीतिक भागीदारी की हो रही हकमारी के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द करना है. उन्होंने कहा कि हर मोर्चे पर वैश्य समाज देश की तरक्की में बढ़-चढ़ लर भाग लेता है, लेकिन जब राजनैतिक हिस्सेदारी की बात आती है तो दरकिनार कर दिया जाता है. वैश्य समाज को उसकी आबादी के अनुसार उसे राजनीतिक हिस्सेदारी मिलनी ही चाहिए. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से इस बैठक का कोई लेना देना नहीं है. बैठक का चिंतन आगामी विधान सभा चुनाव है. यदि हमारे समाज के बेटे को राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं मिली तो वैश्य समाज सभी राजनीतिक पार्टियों को अच्छी सबक सिखाएगा. उन्होंने कहा समाज एक मांग पत्र सभी राजनीतिक पार्टियों को शीघ्र ही सौंपेगी. ताकि समय रहते पार्टियां समाज हित में वाजिब निर्णय ले सके.
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संजू साव (जिलाध्यक्ष- तैलिक साहू सभा)
वही वैश्य समाज के नेता संतोष कुमार गुप्ता ने कहा कि बिहार में हमारी आबादी 22% है, उस हिसाब से हमें राजनीतिक हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. आगामी विधानसभा चुनाव में हमें राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं मिली तो हमारा समाज बड़ा निर्णय लेगा. हमारी 8 सूत्री मांगे हैं, इन मांगों को हम विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को देंगे, जो लोग हमारे साथ चलेंगे, हम उन्हें समर्थन देंगे. इसे लेकर दिसंबर माह में एक बड़ा बैठक करने का निर्णय लिया गया है. समाज खुद की ताकत को जान गया है. आने वाले समय में सम्मान जनक भागीदारी विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से नहीं दी गई तो समाज सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
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संतोष कुमार गुप्ता (नेता वैश्य समाज)
Reporter for Industrial Area Adityapur