खरसावां: सरायकेला- खरसावां जिले में नक्सली गतिविधियों में कमी आते ही माफिया सक्रिय हो गए हैं. चाहे अफीम माफिया हों या बालू माफिया. इनकी गतिविधियां इन दिनों नक्सली रास्तों में बढ़ गयी है. माफिया उन रास्तों का प्रयोग अवैध बालू परिवहन के लिए कर रहे हैं. इसपर किसी का ध्यान नहीं जाना समझ से परे है. तमाड़ से बालू माफिया बालू लेकर खरसावां के जंगली रास्तों से होते हुए चक्रधरपुर तक बालू पहुंचा रहे हैं. पूरी रात इन रास्तों से होकर अवैध बालू लदा हाइवा गुजरता है. इसके लिए तमाड़ से चक्रधरपुर तक सिंडिकेट काम करता है जो इन गाड़ियों को अपने- अपने क्षेत्र की सीमा से पार कराता है. रात के अंधेरे में पुलिस की सक्रियता लागभग शून्य रहती है. सूत्र बताते हैं कि पूरा खेल पुलिस और स्थानीय छुटभैये नेताओं के सांठगांठ से संचालित हो रहा है.
बता दें कि चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी की सख्ती के बाद बालू माफिया नक्सली क्षेत्र के रास्तों का प्रयोग अवैध बालू परिवहन के लिए कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि प्रशासन को बालू के तस्करी की जानकारी नहीं है. सबकुछ जानने के बावजूद भी प्रशासन आंखे मूंदे हुए है. चांडिल- तमाड़ क्षेत्र से खरसावां तक बालू पहुंचने में एक सिंडिकेट काम करता हैं. बालू लड़े वाहनों को स्कॉट कर पहुंचाया जाता है. इसमें भी 10- 12लोग जुड़े हुए हैं. बालू माफिया लोगों से मनमानी पैसा भी वसूल रहे हैं.