खरसावां: वर्षों से बंद पड़े अभिजीत कंपनी सरायकेला, खरसावां और सिनी ओपी के बाबुओं के लिए दुधारू गाय बन गया है. वैसे यहां जो भी साहब आएं स्क्रैप माफियाओं की सलामी उन तक पहुंचने में देर नहीं होती. इनके रसूख बड़े साहबों तक सीधे होते हैं. यही कारण है कि बाबू बदलते गए साथ में अभिजीत कंपनी का स्ट्रक्चर खंडहर में तब्दील होता गया. मजे की बात ये है कि उक्त संपत्ति अब ईडी की संपत्ति है, जिसकी रक्षा करने की जिम्मेदारी पुलिस की है.
हाल के दिनों में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी जिलों के पुलिस पदाधिकारियों को बदला गया है. चुनाव आयोग की सख्ती के बाद भी कुछ रसूखदार पुलिस अधिकारी अपने निकटवर्ती जिलों में पदस्थापन कराने में सफल हुए हैं. इसका उदाहरण जमशेदपुर, सरायकेला और चाईबासा में देखा जा सकता है. दर्जनों पुलिस पदाधिकारी इन्हीं तीन जिलों में पदस्थापन कराने में सफल हुए हैं. जाहिर सी बात है कि सारे अवैध धंधेबाजों का पूर्व से इनके कनेक्शन हैं जिनका दायरा भी उनके साथ बढ़ गया है. इन्हीं में से एक बड़ा स्क्रैप माफिया अमन गुप्ता का नाम खूब सुर्खियों में है. अमन गुप्ता जमशेदपुर के बागबेड़ा का रहने वाला है. जमशेदपुर से इंस्पेक्टर रैंक के एक अधिकारी का सरायकेला जिले में तबादला हुआ है. खबर है कि अमन गुप्ता और इंस्पेक्टर के बीच काफी घनिष्ठता है. और कम समय में ही अमन गुप्ता ने जिला पुलिस के आला अधिकारियों तक अपनी पहुंच बना ली है. तीन दिन पूर्व आदित्यपुर में पकड़ाया अभिजीत कंपनी का स्क्रैप लदा ट्रक अमन गुप्ता के ठिकाने पर ही जा रहा था, हालांकि ट्रक नवनीत तिवारी का है जो इस खेल का महज एक प्यादा है. पहले इस खेल का खिलाड़ी जुगसलाई का चांद हुआ करता था, उसके इशारे पर खरसावां, सनी और सरायकेला पुलिस नाचती थी जिसे चाहता था उसे स्क्रैप के साथ गिरफ्तार करवा देता था. किसी की क्या मजाल की बगैर चांद को नजराना दिए अभिजीत के स्क्रैप का एक छिलका भी चुरा ले. मगर अमन गुप्ता के प्रादुर्भाव होने के बाद चांद का प्रभाव कम होने लगा है. अगले भाग में आपको उस ईमानदार इंस्पेक्टर और अमन गुप्ता के रिश्तों और आदित्यपुर में पकड़ाये स्क्रैप लदे ट्रक के असल किरदारों की जानकारी देंगे. आपको बताएंगे कैसे खाखी, खादी और माफिया लूट रहे अभिजीत की अस्मत.
क्रमश: