JHARKHAND लोकसभा चुनाव से ठीक पहले झारखंड बीजेपी को एक बड़ा झटका लग सकता है. जहां बहरागोड़ा के पूर्व विधायक और बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी के बीजेपी छोड़ने के कयास लगने लगे हैं. खबर है कि कुणाल गुरुवार को फिर से झामुमो में वापसी कर सकते हैं. एक खबरिया चैनल के हवाले से दावा किया जा रहा है कि गुरुवार को शाम चार बजे कुणाल जेएमएम में शामिल होंगे. यदि ऐसा हुआ तो कुणाल को जमशेदपुर लोकसभा सीट से जेएमएम अपना उम्मीदवार बना सकती है.
आपको बता दें कि कुणाल षाड़ंगी 2014 के विधानसभा चुनाव में झामुमो के टिकट से बहरागोड़ा सीट से विधायक चुने गए थे. उसके बाद 2019 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी लहर के प्रभाव में आकर उन्होंने झामुमो से किनारा कर बीजेपी का दामन थाम लिया और बीजेपी के टिकट से बहरागोड़ा सीट से चुनाव लड़ा मगर उन्हें बीजेपी छोड़ झामुमो में शामिल हुए समीर महंती ने बुरी तरह से पराजित किया. उसके बाद कुणाल को बीजेपी का प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया. उन्होंने बीजेपी का निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में काफी मेहनत किया, मगर बीजेपी ने उन्हें जमशेदपुर से लोकसभा का टिकट नहीं दिया. यहां विद्युत वरण महतो तीसरी बार टिकट हासिल करने में कामयाब रहे. इसके साथ ही कुणाल के लिए सारे रास्ते बंद हो गए. इधर मौके की नजाकतता को देखते हुए कुणाल ने घर वापसी का रास्ता चुना है. अब देखना यह दिलचस्प होगा, कि कुणाल को झामुमो जमशेदपुर सीट से उम्मीदवार बनाती है या नहीं. वैसे कुणाल की छवि एक बेहद ही संजीदा राजनेता की रही है. युवाओं के बीच उनकी खासी लोकप्रियता है. कोरोना के दौर में कुणाल ने अपने बूते सैकड़ों लोगों को मदद पहुंचाई थी. इतना ही नहीं उनकी पहचान एक सर्वसुलभ युवा नेता के रूप में रही है. एक दौर था जब उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सबसे करीबी माना जाता था. यदि मोदी लहर को पहचानने की भूल कुणाल ने नहीं कि होती तो आज वे सूबे के सबसे कद्दावर मंत्री होते. खैर राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कुणाल ने घर वापसी का रास्ता चुना है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि कल तक बीजेपी का झंडा ढोनेवाले और पीएम मोदी का गुणगान करनेवाले कुणाल लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार का किस तरह से मुकाबला करते है.