सरायकेला: शनिवार को भारत सरकार के जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने खरसावां के पदमपुर में जनजातीय संस्कृति और विरासत के संरक्षण और संवर्धन केंद्र (सेंटर फॉर प्रिजर्वेशन एंड प्रमोशन ऑफ ट्राइबल कल्चर एंड हेरिटेज) का ऑनलाइन शिलान्यास किया. 10 करोड़ की लागत से जनजातीय मंत्रालय ने इस केंद्र की स्थापना एक बहुउद्देश्यीय योजना के तहत किया है.
मौके पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस केंद्र के माध्यम से लोगों को आदिवासी समाज की संस्कृति को जानने- समझने का मौका मिलेगा. साथ ही आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
“विकास भी विरासत भी” के सिद्धांत के साथ कार्य कर रही है मोदी सरकार
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पिछले 10 वर्षों से “विकास भी विरासत भी” के सिद्धांत के साथ कार्य कर रही है. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय ज्ञान प्रणालियों, परंपराओं और सांस्कृतिक लोकाचार को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के कार्य को अत्यधिक महत्व दिया है. जनजातियों के पास उत्कृष्ट कृतियों वाली जीवंत और विविध सांस्कृतिक परंपराएं और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की विशाल धरोहर मौजूद है. जिसकी संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता है. श्री मुंडा ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि जनजातीय संस्कृति और विरासत के संरक्षण और संवर्धन का यह केंद्र जनजातीय परंपराओं, जनजातीय विरासत और संस्कृति को भव्य पहचान देगा.
ये रहे मौजूद
इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर मुख्य रूप से पूर्व विधायक मंगल सिंह सोय, आईटीडीए परियोजना निदेशक जयदीप तिग्गा, डीपीआरओ अविनाश कुमार, बीडीओ प्रधान माझी, सीओ शीला उरांव, सांसद प्रतिनिधि विजय महतो, बीजेपी जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव, प्रमुख मनेंद्र जामुदा, जिप सदस्य सावित्री बानरा, मुखिया मंगल सिंह जामुदा, प्रदीप सिंहदेव, कुंवर बानरा, लाल सिंह सोय, सुब्रत सिंहदेव समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.