राजनगर/ Pitambar Soy प्रखंड के ईचा बांध परियोजना डूब क्षेत्र के कुजू एवं हेरमा पंचायत के ग्राम प्रधानों को पांच वर्षों से मानदेय से नहीं मिला है. इसको लेकर गुरुवार को अंचलाधिकारी हरिश चन्द्र मुंडा को ग्रामप्रधानों ने मांग पत्र सौंपा. सौपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि ईचा बांध डूब क्षेत्र के ईचा, रेंगालबेड़ा, देहुरीडीह, महुलडीह, नीमडीह, बालीडीह, मझगांव, बन्दोडीह, सरजोमडीह, बड़डीह गांव के ग्राम प्रधानों को सरकार ने मानदेय से वंचित रखा है.
ग्रामप्रधानों से सीओ से पूछा कि आखिर क्यों डूब क्षेत्र के ग्राम प्रधानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने शीघ्र मानदेय भुगतान की मांग की. ग्राम प्रधानों ने बताया कि ईचा बांध डूब क्षेत्र के कुजू एवं हेरमा पंचायत के ग्राम प्रधानों को छोड़कर प्रखंड क्षेत्र के प्रायः सभी गांवों के ग्राम प्रधानों को सरकार की ओर से मानदेय दिया जा रहा है. डूब क्षेत्र के ग्राम प्रधानों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है. ग्राम प्रधानों ने कहा कि आखिर डूब क्षेत्र के पारा शिक्षक, आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका, जल सहिया को सरकार अगर मानदेय दे सकती है, तो ग्राम प्रधानों को क्यों नहीं? किसान मित्र को भी मानदेय से वंचित रखा गया है. ग्राम प्रधानों ने बताया कि प्रखंड स्तर से जो भी योजनाएं संचालित होती हैं जैसे आबुआ आवास एवं मनरेगा से योजनाएं भी नहीं चलती है. इससे भी ग्रामीणों को वंचित कर रखा है. लेकिन पीएमजीएसवाई से करोड़ों की सड़क, हर घर नल जल योजना, सांसद निधि, विधायक निधि, टीएसआरडीएस से तालाब निर्माण, विद्यालय , आंगनबाड़ी भवन निर्माण किया जा रहा है. हमें बिन पानी ही सरकार डूबी हुई घोषित कर दिया है. अविलम्ब ग्राम प्रधानों को भी अन्य ग्राम प्रधानों की तरह मानदेय मिले। ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से ग्राम प्रधान सुनील गगराई, सत्येन्द्र सिंहदेव, भरतचन्द्र कुम्हार, दीपक सोय, डोबरो मुन्दुईया, गोरा तियु, महाबीर महतो, साधु पाड़ेया, दीपक नायक आदि उपस्थित थे.