राजनगर/ Pitambar Soy प्रखंड के कालाझरना में आदिवासी ‘हो’ समुदाय के प्रमुख त्योहारों में से एक बा: परब (जिसे संथाली में बाहा, उरांव में सरहुल कहा जाता है ) धूमधाम से मनाया गया. मागे पर्व के बाद हो समुदाय बा : पर्व मनाते हैं. ग्राम देउरी पितराम सोय ने देशाऊली में साल का फूल, पत्ता एवं नए फल की पूजा अर्चना कर सिंहबोंगा से ग्राम की खुशहाली की कामना की.
ग्रामीणों ने सखुआ (साल वृक्ष ) के फूल और पत्ते से अपने पूर्वजों की पूजा अर्चना की. ग्रामीण अपने घर के आदिंग (पूजा घर) में साल के पत्ते में पूर्वजों और ईष्ट देवता के नाम प्रसाद के रूप में भात और गोटा मसूर का दाल चढ़ाया. बा : पूजा में नए हांडी में भात बनाया जाता है और गोटा मसूर दाल बिना तेल मसाला का सादा रूप में बनाया जाता है. दाल में दो-चार छोटी मछलियां भी मिलाकर पकाया जाता है. मान्यता है कि आदिवासी समाज में बा: पूजा करने के उपरांत ही नए फल फूल का सेवन किया जाता है. बा: परब में महिलाएं बालों के जुड़े में व पुरुष अपने कानों में साल का फूल लगाते हैं. कालाझरना में प्रति वर्ष की तरह इस बार भी दो दिन तक हर्षोल्लास के साथ मनाया. आखाड़े में महिला पुरुषों ने एक दूसरे का हाथ थामे बा: नृत्य किया. कार्यक्रम की सफल बनाने में ग्राम मुंडा डोबरो देवगम, सुनील सोय, दुम्बी देवगम, सानो देवगम, सुखलाल गागराई, सुनील देवगम, सौरभ जामुदा, लालमोहन जामुदा,भीम देवगम, बगराई जामुदा, चेटरा सोय, टिंकू सोय, रोमियो देवगम, आकाश देवगम आदि ग्रामवासियों का रहा.
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