खरसावां/ Ajay Mahato बेहरासाही सामुदायिक भवन में आयोजित संगीतमयी राम कथा के सातवें दिन भगवान श्री राम की लीलाओं को सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. वृंदावन से पहुंचे कथा वाचक संत रजत रसराज महाराज ने कहा कि भगवान राम अपने गुणों की वजह से ही मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए. भगवान राम ने दया, सत्य, सदाचार, मर्यादा, करुणा और धर्म का पालन किया.
भगवान राम ने समाज के लोगों के सामने सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया था. राम ने जीवन में कभी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया. कथावाचक संत रजत रसराज महाराज ने कहा कि धरती पर धर्म व मर्यादा की स्थापना के लिए प्रभु श्री राम का अवतार हुआ. राम जन्म का मूल मंत्र जीवन में सत्य का अवतरित होना है. भगवान राम के प्रसंगों को सुनकर यहां पहुंचे श्रद्धालुओं की आंखें भर आई. हमें राम की तरह अपने माता- पिता, गुरुजनों की भावनाओं को पूरा सम्मान करना चाहिए. विपरीत परिस्थितियों में धीरज बनाए रखना राम कथा के माध्यम से सीखने को मिलती है. राम कथा जीवन में परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करती है. इस राम कथा को सुनने खूंटपानी प्रखंड प्रमुख सिद्धार्थ होनहागा समेत जेबीकेएसएस के कार्यकर्ता भी शामिल हुए.