गम्हरिया/ Bipin Varshney सरायकेला जिले के गम्हरिया अंचल के आसंगी मौजा के खाता संख्या 187 एवं प्लॉट संख्या 88, 93, 94 और 96 रकबा करीब तीन एकड़ जमीन को लेकर सीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है. सीओ कमल किशोर ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर सरकार अपना पक्ष मजबूती से रख सकती है.
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विदित हो कि उक्त भूखंड पर नगर निगम का प्रस्तावित भवन बनाना था. इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी थी. बीते 24 फरवरी को मुख्यमंत्री को शिलान्यास करना था, मगर एन मौके पर कथित कब्जाधारी रितेश भालोटिया ने हाई कोर्ट से स्टे ले लिया. इसके बाद शिलान्यास का कार्यक्रम टाल दिया गया. जबकि इससे पूर्व अंचल प्रशासन ने 17 मार्च 2023 को उक्त करीब तीन एकड़ भूखंड पर अवैध कब्जा दिखाते हुए जमीन को कब्जा मुक्त कराया था. उसके बाद रितेश भालोटिया ने हाई कोर्ट का रुख किया था, जबकि अंचल के किसी रिकॉर्ड में उक्त भूखंड रितेश भालोटिया के नाम से दर्ज नहीं है, फिर किस आधार पर हाई कोर्ट से रितेश भालोटिया को स्टे मिल गया यह जांच का विषय है.
वैसे शिलान्यास कार्यक्रम रद्द होने से सरकार की खूब किरकिरी हुई इसको लेकर सरकार ने रातों- रात सीओ का तबादला कर दिया. इधर हाई कोर्ट में सरकार का पक्ष रखने के लिए उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने बीते सोमवार को अंचल कार्यालय का निरीक्षण किया था और तत्कालीन अंचल अधिकारी गिरेन्द्र टूटी और वर्तमान सीओ कमल किशोर के साथ बैठक कर पूरे मामले की जानकारी ली. उन्होंने अंचल अधिकारी कमल किशोर को उक्त जमीन से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था. अंचलाधिकारी के अनुसार रिपोर्ट सरकार के पक्ष में है. रितेश भालोटिया के दावे गलत हैं.
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि मामले पर हाई कोर्ट का क्या निर्णय आता है. फिलहाल अंचल कार्यालय के रिपोर्ट में एकबार फिर से जमीन झारखंड सरकार का प्रमाणित हुआ है.
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