अदित्यपुर: बिजली विभाग के जूनियर लाइनमैन और विभागीय अधिकारियों के जुगलबंदी की वजह से क्षेत्र के गरीब उपभोक्ता कराह रहे हैं, जबकि रसूखदार उपभोक्ताओं की चांदी कट रही है. आलम ये है कि लाइनमैन जिस मकान और झुग्गियों की ओर अधिकारियों को इशारा करते है, अधिकारी उसी गरीबों पर जुर्माना ठोंकर अपनी पीठ थपथपाते है. नतीजा गरीबों को न केवल भारी- भरकम जुर्माना चुकाना पड़ रहा बल्कि कोर्ट- कचहरी का चक्कर भी काटना पड़ रहा है.
बुधवार को विभाग ने एक और दुर्भवना से ग्रसित कार्रवाई की है, जो क्षेत्र के उपभोक्ताओं में चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं विभाग के इस कार्रवाई से उपभोक्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है. आपको बता दें कि बुधवार को विभाग ने अवर प्रमंडल अदित्यपुर- 1 कार्यालय से दो सौ मीटर की दूरी पर स्थित पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के आवासीय परिसर में दबिश दी. यहां तीन- चार सरकारी आवंटियों के घरों में छापेमारी करते हुए जुर्माना लगाया. हैरान करनेवाली बात ये रही कि पूरे पीएचडी परिसर में बसे अवैध कब्जाधारियों के घरों की ओर विभाग के अधिकारी या कर्मियों ने झांका तक नहीं, जबकि उनका पूरा निर्माण ही अवैध है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि वैसे अतिक्रमणकारी बिजली कैसे जला रहे है और विभाग ने दबिश के दौरान उनपर कार्रवाई क्यों नहीं की ?
अंदरखाने की माने तो जेई और जूनियर लाइनमैन के बीच सांठगांठ की वजह से गरीबों को निशाना बनाया जा रहा है और कुछ खास सफेदपोशों के इशारे पर मैनेज के एवज में मोटी डील होती है, जिसने दे दिया उसे छोड़ दिया जाता है, जो मैनेज करने में विफल होता है उसे कानूनी पचड़े में धकेल दिया जाता है. अकेले अदित्यपुर में दर्जनों सरकारी विभाग से लेकर सैकड़ों रसूखदारों के यहां विभाग का करोड़ों बकाया है, जिसपर विभाग के अधिकारी कभी कार्रवाई करने की हिमाकत नहीं जुटा पाते. यहां एक बात गौर करनेवाली है, कि जूनियर लाइनमैन यहां बीस- बीस सालों से जमे हैं. उन्हें एक- एक मुहल्लों की जानकारी है. वे अपने मन मुताबिक़ मुहल्लों में अधिकारियो को लेकर जाते हैं. इतना ही नही अपने शुभचिंतकों के घरों य संस्थानों की तरफ उन्हें झांकने भी नहीं देते. आपको बता दें कि एक- एक जूनियर लाइनमैन लाखों करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर चुके हैं. जिनके खिलाफ न कभी कोई विभागीय जांच होता है, न ही इन्हें यहां से हटाया जाता है. जो भी अधिकारी यहां आते हैं इनके आगे नतमस्तक हो जाते हैं और इनके इशारे पर नाचते हैं. वहीं बुधवार की कार्रवाई के बाद क्षेत्र के उपभोक्ताओं में घोर आक्रोश व्याप्त है. आगे देखना यह दिलचस्प होगा कि वर्तमान सरकार ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई करती है. वैसे विभाग के आलाधिकारी इस मामले पर कोई संज्ञान लेंगे इसकी उम्मीद कम है.