आदित्यपुर: आम तौर पर बेटियों को बाप का सबसे बड़ा हमदर्द कहा जाता है. बेटी को विदा करते वक्त सबसे ज्यादा दुःखी बाप ही होता है. कितने अरमानों के साथ एक पिता अपनी बेटी की डोली सजाता है इसका अहसास उस पिता को ही होता है जो अपना सबकुछ बेटी को विदा करने में झोंक देता है. मगर शादी के बाद यदि वही बेटी पिता के मौत का कारण बन जाए तो इसे आप क्या कहेंगे ? आज आपको एक नहीं दो- दो कलियुगी बेटियों की कहानी बता रहे हैं जिसने अपने पिता को तड़पा- तड़पा कर मार डाला. जब बेटों के हाथ पिता की डायरी लगी तब बेटों के होश उड़ गए उसके बाद बेटों ने अपने पिता के कातिल बहनों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामला दर्ज भी कर लिया, मगर आजतक कातिल बेटियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है जिससे पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं.
जानिए क्या है मामला
मामला पथ निर्माण विभाग के एक बड़े अधिकारी रहे स्व. गुलाब चंद्र प्रसाद का है. उनकी दो शादियां थी. पहली पत्नी से चार बेटियां हैं, पहली पत्नी की मौत के बाद गुलाब चंद्र प्रसाद ने मुन्नी देवी से दूसरी शादी की उन से तीन पुत्र हैं, जिनका नाम विक्की कुमार, संजीत कुमार और राजीव कुमार है. बतौर पिता गुलाब चंद्र प्रसाद ने पहली पत्नी से चारों बेटियों की परवरिश और शादी धूमधाम से की. सभी आज संभ्रांत परिवार की बहू है. उनमें से दो बेटियां पूनम गुप्ता पति सतपाल गुप्ता और पुष्पा देवी पति राजेंद्र प्रसाद उर्फ मंटू ने अपने पिता को इस कदर प्रताड़ित किया कि उन्हें हर्ट अटैक आया. और जमशेदपुर के टाटा मुख्य अस्पताल में अपने इलाज के दौरान गुलाब चंद्र प्रसाद ने अपने वकील और दो गवाहों की मौजूदगी में शपथ पत्र लिखा जिसमें पूनम गुप्ता पति सतपाल गुप्ता और पुष्पा देवी पति राजेंद्र प्रसाद उर्फ मंटू पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और दहेज मांगने के लिए अश्लील- अश्लील शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया है. इसका जिक्र उन्होंने अपने 1000 पन्नों के डायरी में भी किया है. अंततः 23 जनवरी 2023 को गुलाब चंद्र प्रसाद की मौत हो गई. उनकी मौत के बाद वह डायरी और शपथ पत्र उनके बेटों विक्की कुमार संजीत कुमार और राजीव कुमार के हाथ लग गई इसके अलावा बेटियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने वाले चैटिंग और मोबाइल के ऑडियो क्लिप भी बेटों के हाथ लग गई जिसके आधार पर बेटों ने 15 सितंबर 2023 को आदित्यपुर थाने में अपनी सौतेली बहनों पूनम गुप्ता पति सतपाल गुप्ता और पुष्पा देवी पति राजेंद्र प्रसाद उर्फ मंटू के खिलाफ साक्ष्यों के साथ एफआईआर दर्ज कराया. आज चार महीने बाद भी पुलिस ने कोर्ट में डायरी नहीं सौंपी है जिससे दोनों कलियुगी बहन एवं उनके पति खुलेआम घूम रहे हैं.
इस संबंध में स्व. गुलाब चन्द्र प्रसाद के पुत्र विक्की कुमार ने बताया कि. उनकी चार सौतेली बहनें हैं. हमलोंगों ने कभी उन्हें गैर नहीं समझा. चारों की शादी पिता ने बड़े धूमधाम से की. यहां तक कि पिता ने अपने कमाई से अर्जित संपत्ति से 45 लाख रुपए पुष्पा देवी को दिए ताकि चारों बहनों में आपस में बांट ले. हमलोंगों ने कोई विरोध नहीं किया. मगर उनकी मौत के बाद जो साक्ष्य हमारे हाथ लगे उससे हम तीनों भाई और मेरी मां सदमे में हैं. हमलोंगों ने पुलिस के समक्ष इंसाफ की गुहार लगाई है मगर आजतक पुलिस मामले को लेकर गंभीर नहीं है. यही आरोप यदि हमारे ऊपर लगा होता तो आज हम तीनों भाई सलाखों के पीछे होते. विक्की ने बताया कि इसकी जानकारी डीजीपी और मुख्यमंत्री को भी दिया हूं हम इंसाफ चाहते हैं. ऐसे में सवाल ये है कि सरायकेला पुलिस मामले को लेकर गंभीर क्यों नहीं है. इसपर विक्की ने बताया कि डीएसपी स्तर से मामला लंबित है. वे मामले को लेकर गंभीर नहीं हैं.