चांडिल/ Sumangal Kundu (kebu) : पूर्व घोषित एकदिवसीय भारत बंद के तहत आदिवासी समाज के लोगों ने आद्रा रेल डिवीजन के अधीन कांटाडीह रेलवे स्टेशन और चांडिल रेलवे स्टेशन तथा रेलवे ट्रैक को पूरी तरह से जाम कर दिया है. जिससे इस रूट में चलने वाली सभी ट्रेन अलग-अलग स्टेशनों पर रुकी हुई है. बता दें कि आदिवासी समाज के लोगों ने सरना धर्म कोड एवं अन्य मांगों को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा सांकेतिक भारत बंद और रेल रोड चक्का जाम के तहत इस रेलवे ट्रैक को जाम किया है. इस रेल चक्का जाम के नेतृत्वकर्ता सोनाराम सोरेन ने कहा कि आदिवासियों को भी धार्मिक आजादी होना चाहिए, संविधान के अनुसार धार्मिक आजादी पर किसी की पाबंदी नहीं हो सकती है.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना में आदिवासियों की संख्या 50 लाख थी जबकि जैन की संख्या 44 लाख थी. सरकार ने जैन धर्म को अपनी संवैधानिक अधिकार दे दिया है परंतु आदिवासियों को अपना हक नही मिला है. उन्होंने कहा कि पिछले दिन उलीहातु में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम था उस समय आदिवासियों को सरना धर्म कोड की सौगात मिल सकती थी परंतु प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि अब हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक की हमारी मांगे पुरी नहीं हो जाती है. इसी अगला आंदोलन को जारी रखते हुए सांकेतिक रुप से भारत बंद किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि 10 दिसंबर को मधुबन गिरिडीह में मारंगबुरू बचाओ अभियान, 17 दिसंबर को चाईबासा में सेंगेल जनजागरण सभा तथा 22 दिसंबर को दुमका में हासा भाषा विजय दिवस का आयोजन भी किया गया है. मौके पर सोनाराम सोरेन के साथ काफी संख्या में आदिवासी समाज के महिला पुरुष मौजूद थे.
