जमशेदपुर: शहर में वैसे तो कई रेस्टोरेंट और होटल ऐसे हैं जिनका नाम ही ग्राहकों को अपनी ओर खींच लेता है. वैसे ये अलग बात है कि अब उनके नाम ही रह गए हैं, न वो स्वाद रहा न उनके वो भाव रहे. इनमें एक नाम शहर के प्रसिद्ध रमेश कुल्फी का है.
70 के दशक में जिला मुख्यालय के समीप स्थापित रमेश कुल्फी अपने स्वाद के लिए शहर में अपनी अलग पहचान बनाई. कुल्फी के साथ फालूदा का स्वाद यहां का लाजवाब था. यहां शहर ही नहीं बल्कि शहर के बाहर से भी ग्राहक जुटते थे. वैसे जुटते आज भी हैं, मगर अब न वो स्वाद मिलता है न ही यहां के कर्मियों का वो प्यार मिलता है. वैसे इस होटल में लोग मटन खाने भी आते हैं. होटल के मालिक दिवंगत रमेश प्रसाद के दौर में मटन का स्वाद बेजोड़ मिलता था. मटन के शौकीन लाइन लगाकर यहां खाने पहुंचते थे. झोपड़ीनुमा होटल में ग्राहकों की दिनभर भीड़ लगी रहती थी. यह सिलसिला आज भी जारी है, मगर रमेश प्रसाद के दौर का स्वाद अब नहीं मिलता है. स्वाद से भी ज्यादा लोग उनके व्यवहार से खासे प्रभावित थे. नेता, अधिकारी से लेकर पत्रकारों के रमेश प्रसाद के साथ अलग व्यवहार रहे थे, मगर आज उनके कर्मियों में वो बात नहीं रही. हालांकि आज भी लोग यहां वही पुराना स्वाद और पुराने व्यवहार की तलाश में जुटते जरूर हैं.