सरायकेला/ Pramod Kumar Singh : सरायकेला-खरसावां जिले में सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा पर ओड़िया समाज द्वारा बोइत बंदाण पर्व मनाया गया. इसी के साथ पांच दिनों से चली आ रही विष्णु पंचक का समापन हुआ. सरायकेला में खरकई नदी तट पर सोमवार की भोर महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी. महिलाओं ने नदी में डुबकी लगा पहले भगवान नारायण की पूजा की. इसके पश्चात केले के तना से बनी नाव को नदी में छोड़ परिवार की सुख-शांति की कामना की.
महिलाओं ने बताया कि हमारी परम्परा है कि आज ही के दिन उत्कल प्रदेश के हमारे पूर्वज समुद्री मार्गों से इंडोनेशिया, जावा, सुमात्रा, बाली जैसे बंगाल की खाड़ी के सीमाओं को साझा करने वाले दूर के द्वीप राष्ट्रों के साथ व्यापार करने के लिये नाव से गये थे. उनके सुरक्षित वापस आने हेतु बोइता वंदना पूजा की जाती है. इसी दिन ओड़िया समाज के लोग अपने क्षेत्र के नदी, समुद्र, जलाशयों, तालाब आदि में नाव छोड़ते हैं. इस दौरान महिलाओं ने ओडिया भक्ति गीत भी गाये.
वहीं तुलसी के पौधा के पास रंगोली बना कर राय-दामोदर की पूजा अर्चना की गई. सोमवार को नदी व तालाब में नाव छोड़ने के पश्चात घर के आंगन में ओड़िया समुदाय की महिलाओं ने रंगोली बनाई और भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की. कई परिवारों ने सत्यनरायण भगवान की पूजा-पाठ का आयोजन कर प्रसाद का वितरण किया.