चांडिल/ Sumangal Kundu (Kebu) अनुमंडल क्षेत्र की छठ व्रतियों ने संतान की लंबी आयु, परिवार की सुख- शांति और विश्व शांति के लिए रविवार को अस्ताचलगामी एवं सोमवार प्रात: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर छठ माता की पूजन किया. सूर्य उपासना के इस महापर्व के लिए चांडिल अनुमंडल के विभिन्न जलाशय बामनी जुड़िया, रावताड़ा, सुकसारी, स्वर्णरेखा नदी के जयदा घाट, गौरी घाट, शहरबेड़ा, घाघरा आदि स्थानों के घाटों में भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंचे.
सुरक्षा व शांति के लिए सभी छठ घाटों में पुलिस प्रशासन के साथ दंडाधिकारी मौजूद थे. बामनी छठ घाट को श्रद्धालुओं द्वारा रंगीन गुब्बारे से आकर्षक रुप से सजाया गया था. रास्ते में दूर तक आकर्षक विद्युत सज्जा की गई थी. चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी गिरिजा शंकर महतो सभी छठ घाटों का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे. सेवा ही लक्ष्य है के संस्थापक सह समाजसेवी राकेश वर्मा ने सपरिवार छठ पूजा किया. इस अवसर पर राकेश वर्मा ने कहा कि सूर्य उपासना एवं छठी मैया का व्रत महापर्व छठ पूजा शुक्ल पक्ष की चंद्र के छठे दिन काली पूजा के छह दिन बाद मनाया जाता है. इस त्यौहार के अनुष्ठान कठोर हैं और चार दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं. इनमें पवित्र स्नान, उपवास और पीने के पानी (वृत्ता) से दूर रहना, लंबे समय तक पानी में खड़ा होना और प्रसाद (प्रार्थना- प्रसाद) और अर्घ्य देना शामिल है. परवातिन नामक मुख्य उपासक आमतौर पर महिलाएं होती हैं. हालांकि बड़ी संख्या में पुरुष भी इस व्रत का पालन करते हैं क्योंकि छठ लिंग- विशिष्ट त्यौहार नहीं है. छठ महापर्व के व्रत को स्त्री- पुरुष- बूढ़े- जवान सभी लोग करते हैं.