चांडिल/ Sumangal Kundu (Kebu) : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र की छठ व्रतियों ने संतान की लंबी आयु एवं परिवार की उन्नती के लिए रविवार को सैकड़ों छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी भास्कर को अर्घ्य देकर छठी मइया की पूजन किया. सूर्य उपासना के इस महापर्व के लिए विभिन्न जलाशयों के किनारे सैकड़ों श्रद्धालु जुटे. चांडिल के बामनी जुड़िया, रावताड़ा, सुकसारी, स्वर्णरेखा नदी के जयदा घाट, गौरी घाट, शहरबेड़ा आदि स्थानों के घाटों में विशेष इंतजाम किए गए है.सभी छठ घाटों में पुलिस प्रशासन के साथ दंडाधिकारी मौजूद रहेंगे.
बामनी छठ घाट को श्रद्धालुओं द्वारा रंगीन गुब्बारे से आकर्षक रुप से सजाया गया है. चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी गिरिजा शंकर महतो ने सभी छठ घाटों का तुफानी दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. छठ पूजा सूर्य, प्रकृति,जल, वायु और उनकी बहन छठी मइया को समर्पित है ताकि उन्हें पृथ्वी पर जीवन की देवतायों को बहाल करने के लिए अराधना किया जाता है. लोक आस्था के अनुसार पार्वती का छठा रूप भगवान सूर्य की बहन छठी मैया को त्योहार की देवी के रूप में पूजा जाता है.
यह चंद्र के छठे दिन काली पूजा के छह दिन बाद छठ मनाया जाता है. इस त्यौहार के अनुष्ठान कठोर हैं और चार दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं. इनमें पवित्र स्नान, उपवास और पीने के पानी (वृत्ता) से दूर रहना, लंबे समय तक पानी में खड़ा होना और प्रसाद (प्रार्थना प्रसाद) और अर्घ्य देना शामिल है. परवातिन नामक मुख्य उपासक आमतौर पर महिलाएं होती हैं. हालांकि बड़ी संख्या में पुरुष इस व्रत का भी पालन करते हैं क्योंकि छठ लिंग-विशिष्ट त्यौहार नहीं है. छठ महापर्व के व्रत को स्त्री – पुरुष – बुढ़े – जवान सभी लोग करते हैं.