कांड्रा/ Bipin Varshney “साथ भले ही खत्म हो जाए, याद खुशबू देती रहेगी, याद आपकी हमें, जिंदगी के हर मोड़ पर आती रहेगी” यह कहते हुए कांड्रा वासियों ने अपने ‘बाबू साहब’ को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. बाबू साहब सरायकेला ग्लास वर्क्स कंपनी के संस्थापक सुभाष चंद्र वार्ष्णेय को कहा जाता है और विगत 14 अगस्त को कोलकाता में उनका देहांत हो गया था. यह ग्लास कंपनी 80 और 90 के दशक में ग्लास निर्माण उद्योग में अग्रणी स्थान रखता था.
कंपनी में आसपास के हजारों लोग रोजगार पाते थे. कंपनी ने कांड्रा में लगभग 450 क्वार्टर बनाकर एक बड़ी आवासीय कॉलोनी बसाई है. लेकिन अचानक 1993 में ग्लास कंपनी बंद हो गई. नवरात्र के सातवें दिन महासप्तमी को देर शाम श्री श्री दुर्गा पूजा कमिटी कांड्रा कॉलोनी परिसर में स्व. सुभाष चंद्र वार्ष्णेय की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की तथा दिवंगत आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन व्रत रखा. इस मौके पर काफी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित थी. अन्य गणमान्य लोगों में संरक्षक राकेश वार्ष्णेय, के त्रिनाथ राव, विष्णु पाल वार्ष्णेय , साधन दास, कृष्णपाल वार्ष्णेय, वीरचंद गुप्ता, सुशील वार्ष्णेय, संजय वार्ष्णेय, श्री श्री दुर्गा पूजा कमेटी के अध्यक्ष होनी सिंह मुंडा, महासचिव के दुर्गा राव, प्रेस प्रवक्ता विपिन कुमार वार्ष्णेय, उपाध्यक्ष विजय तिवारी, सचिव विनोद सेन, सहसचिव राजेंद्र मंडल, कोषाध्यक्ष स्वाधीन चंद महतो,चंदन सिंह,विजय महतो, साई राव,राजकुमार गुप्ता,विशाल वार्ष्णेय, गिरीश वार्ष्णेय, मनिशेखर मिश्रा, चंद्रकिशोर महतो,सुमित ,सोनू, अजीत सेन, रंजीत सेन, प्रताप महतो, गीता वार्ष्णेय, मनीषा वार्ष्णेय, सरिता गुप्ता, भावना वार्ष्णेय, पूनम बर्मन, किरण बर्मन, नीतू बर्मन, नंदनी गुप्ता, संगीता शुक्ला के साथ- साथ कांड्रावासी उपस्थित हुए.