सरायकेला/ Pramod Singh सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष भोला महांती द्वारा आहूत बैठक में सभी सदस्यों ने हाल ही में संपन्न हुए राजकीय छऊ कला केन्द्र सरायकेला में रिक्तियों को भरने के तौर- तरीकों पर गहरी आपत्ति जताई है.
ज्ञातव्य हो कि सरायकेला स्टेट के अंतिम महाराज महाराज स्वर्गीय आदित्य प्रताप सिंहदेव और बिहार सरकार के बीच सरायकेला की कला संस्कृति को बचाए रखने के लिए एक एग्रीमेंट हुआ था जिसके फलस्वरूप सरायकेला छऊ की संवर्धन के लिए साठ के दशक में राजकीय छऊ कला केन्द्र की स्थापना हुई थी और पांच विभिन्न पदों का सृजन कर नियुक्ति की गई थी. उनमें से सभी पद एक- एक करके रिक्त होते रहे किसी तरह ठेल ठाल कर बीते साल तक कलाकेन्द्र को एक प्रभारी निदेशक के सहारे चलाया जा रहा था. वे भी सेवानिर्वित हो चुके हैं उनकी जगह पर कोई नियुक्ति नहीं हुई. इसी बात से पता चलता है कि वर्तमान झारखण्ड सरकार की सरायकेला छऊ नृत्य को संरक्षण प्रदान करने का मनसा ही नहीं है. वसंतोत्सव महोत्सव में बदल गया. करोड़ों का अनुदान आता रहा और महोत्सव के नाम पर कुछ सरकारी मुलाजिमों और छऊ के दलालों द्वारा पैसों का बंदरबांट होता रहा और सरायकेला छऊ अपना वजूद खोता रहा.
सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन ने संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द रिक्तियों को भर कर सुचारू ढंग से कला केन्द्र को चलाए जाने की गुहार लगाती रही पर अधिकारी कलाकारों की बात को अनदेखी कर अपनी मनमानी करते रहे. आनन- फानन में एक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एक एडवर्टाइजमेंट निकाला गया जहां पर अनुबंध के आधार पर नियुक्ति देने की बात कही गई. विज्ञप्ति में कुछ नृत्य गुरु, संगीत साथ वादक, मुखौटा शिल्पकार, अंगाभरणम कारीगरों के साथ कुछ कलाकारों की चयन करने के लिए सभी अभ्यर्थियों को
विगत बारह अक्टूबर में राजकीय छऊ कला केन्द्र सरायकेला में उपस्थित होने के लिए कहा गया. इस योजना में सरायकेला छऊ शैली, खरसावां छऊ शैली और मानभूम (पुरुलिया) छऊ शैली के लिए भी साक्षात्कार की व्यवस्था किया गया. सबसे मज़ेदार बात यह है कि विज्ञप्ति में मानदेय का कोई उल्लेख ही नहीं था. विभिन्न विधाओं में अभ्यर्थियों के लिए आयुसीमा 34 साल से 65 साल तक रखा गया. कलाकारों की समुह कला केन्द्र पहुंच कर देख रहे हैं कि सरकार के तरफ़ से दो अधिकारी उपस्थित हैं पर पात्रता जांच प्रक्रिया में शामिल गैर सरकारी लोग अपनी मर्जी से इंटरव्यू के लिए साक्षात्कार के लिए बनाई गई समिति सदस्यों के पास अभ्यर्थियों को भेज रहे हैं. छह सदस्यीय एक्सपर्ट समिति सदस्यों में सिर्फ़ एक ही सदस्य सर्व जानकार बनकर सभी अभ्यर्थियों की अंतर्विक्षा ले रहे हैं और बाकी सदस्य मूकदर्शक बने बैठे हुए हैं. सर्व जानकार बडबौले महाशय कुछ कलाकारों को अमर्यादित भाषा की प्रयोग भी किये ताकि अभ्यर्थी की मनोबल टूट जाए और अच्छी तरह से प्रश्नों की उत्तर ना दे पाए और बड़बौले महाशय अपने लोगों को नियुक्ति के लिए चयनित कर अनुशंसा के लिए भेज पाएं. और एक गौर करने की बात यह थी की सरकार द्वारा नियोजित दो अधिकारी इस चयन प्रक्रिया को नज़रंदाज़ करते हुए आपसी बातचीत में मशगूल रहते देखे गए. इन सभी विसंगतियों को लेकर आर्टिस्ट एसोसिएशन के सभी सदस्यों के मन में काफी रोष है और बहुत जल्द ही आर्टिस्ट एसोसिएशन की एक प्रतिनिधि मंडल इस चयन प्रक्रिया में हुए घोर अनियमितता को उल्लेख कर उपायुक्त के पास एक स्मार पत्र देने का निर्णय किया है. बैठक में संरक्षक
मनोज कुमार चौधरी, सचिव सुदीप कुमार कवि, बबलू दुबे, तरुण भोल, मनोरंजन साहु, नीरज कुमार पट्टनायक, आशीष कुमार कर, गजेंद्र महांती, अमित कुमार साहू, अनिल पट्टनायक, अभिनाश कवि, पंकज साहु, राकेश कवि, राजेश गोप, आदि कलाकार मौजुद थे.