सरायकेला/ Pramod Singh भाजपा नेता गणेश महाली के मंत्री चम्पई सोरेन के खिलाफ दिये गए बयान के बाद झामुमो के नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगे हैं. गुरुवार को झामुमो के वरिष्ठ नेता केदार अग्रवाल ने गणेश महाली के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्हें तहजीब से पेश आने की नसीहत दी है.
श्री अग्रवाल ने सरायकेला सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि भारतीय जनता पार्टी खुद को अनुशासित और संस्कारों वाली पार्टी बताती है और उनके वैसे नेता जो मंत्री चंपई सोरेन से दो- दो बार चुनावी पटखनी खा चुके हैं, जिनकी हैसियत मंत्री के सामने खड़े होने की नहीं है, वह उन्हें बूढ़ा कहकर संबोधित करता है, और पार्टी के बड़े नेता इस पर चुप्पी साधे हुए हैं, यह शर्म की बात है. कम से कम इतना संस्कार तो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में होना ही चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि ऐसे संस्कार उन्हें विरासत में मिले हैं. भारतीय जनता पार्टी अपने बुजुर्ग नेताओं को क्या सम्मान और तरजीह देते हैं इसका उदाहरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सरीखे नेता है, जिनका नाम भी आज भारतीय जनता पार्टी के नए कार्यकर्ता भूल चुके हैं. वर्तमान में उनकी पार्टी में राजनाथ सिंह भी बूढ़े हो चुके हैं, क्या उन्हें राजनीति से संन्यास नहीं ले लेनी चाहिए ? केदार अग्रवाल ने भारतीय जनता पार्टी को ऐसे नेताओं के अनर्गल बयानबाजी पर लगाम लगाने की नसीहत दी है. उन्होंने गणेश महाली को चुनौती देते हुए कहा कि जिस चंपई सोरेन को बूढ़ा कहकर उन्हें अपमानित कर रहे हैं उनके साथ आधा घंटा पैदल चलकर देखें फिर उन्हें समझ में आ जाएगा कौन बूढ़ा है और कौन जवान.
दरअसल केदार अग्रवाल की यह प्रतिक्रिया तब आयी है जब एक दिन पहले गणेश महाली ने प्रेस कांफ्रेंस कर मंत्री चम्पई सोरेन को उम्र का ध्यान रखते हुए राजनीति से सन्यास लेने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा था कि मंत्री अब बूढ़े हो चुके हैं और उनका दिमागी संतुलन बिगड़ने लगा है. उन्होंने मंत्री के उस बयान पर टिप्पणी की थी जिसमें मंत्री ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के संकल्प यात्रा को फ्लॉप शो करार दिया था. बहरहाल बीजेपी का संकल्प यात्रा भले समाप्त हो चुका है मगर इसको लेकर राजनीतिक बयाबाजी तेज हो चुकी है. जिसमें सारी मर्यादाएं टूट रही है.