खरसावां: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सोमवार को संकल्प यात्रा के तहत खरसावां पहुंचे. जहां पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. इससे पूर्व मरांडी खरसावां शाहिद बेदी पर पहुंचे और खरसावां के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. हालांकि इस संकल्प यात्रा से पूर्व मुख्यमंत्री और खरसावां से विधायक रहते तीन बार सीएम रहे पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा नदारत रहे. वैसे उनकी धर्मपत्नी मीरा मुंडा मौजूद रही. इतना ही नहीं बाबूलाल मरांडी के संकल्प यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी नजर नहीं आए. इसका दर्द बाबूलाल मरांडी ने मंच से बयां किया.
अपने संबोधन में पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए समर्थन मांगा. वहीं झारखंड सरकार की नाकामियों को गिनाते हुए एक बार फिर से झारखंड में बीजेपी की सरकार बनाने की अपील की. मरांडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साढ़े नौ वर्षों के कार्यकाल को देश के गरीबों को समर्पित बताया और कहा केंद्र सरकार ने इस दौरान ज़न- धन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजनाओं के माध्यम से महिलाओं, बुजुर्गों, किसानों के जीवन में खुशहाली लाई है. यह देखकर दुख होता है कि ‘बदले की राजनीति’ से प्रेरित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा डाल रहे हैं.
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि ‘नरेंद्र मोदी ने बिचौलियों को खत्म कर दिया. अब दिल्ली से जो पैसा आता है, वह सीधे गरीबों के खाते में जाता है.’ बाबूलाल मरांडी ने ट्रांसफर पोस्टिंग के भी बहाने हेमंत सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि झारखंड के तमाम सरकारी कर्मचारी, अधिकारी और पुलिसवाले भी इस वसूली सरकार से तंग आ चुके हैं. इनको पैसा पहुंचाते- पहुंचाते परेशान हैं. हर महीने- दो महीने पर ट्रांसफर- पोस्टिंग की लिस्ट आ जाती है. ऊपर वाले का पेट ही नहीं भर रहा. अधिकारियों के बीच चर्चा है कि इनको भारत का टकसाल भी लाकर दे दो तो पेट नहीं भरेगा.
सभा को संबोधित करने के बाद मरांडी का काफिला राजनगर के लिए रवाना हो गया. वैसे देखना यह दिलचस्प होगा कि पिछले 10 सालों से एक आदद जीत को तरसती भारतीय जनता पार्टी क्या इस संकल्प यात्रा के जरिए खरसावां में कमल खिला पाने में सफल होती है या नहीं ! हालांकि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के संकल्प यात्रा से दूरी कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही है.