चांडिल/ Afroz Mallik कुड़मी समुदाय को एसटी का दर्जा देने और कुड़मालि भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध किए जाने की मांग को लेकर कुड़मी समुदाय द्वारा रेल टेका (रेल रोको) आंदोलन को कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा अवैध घोषित किए जाने के बाद आंदोलनकारियों ने झारखंड में आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया है.
इधर कुड़मी संगठन के लोग सुबह से चांडिल अनुमंडल के नीमडीह में जुटने लगे मगर रेलवे व जिला प्रशासन की सख्ती के आगे आंदोलनकारी रेल ट्रैक तक नहीं पहुंच सके. आंदोलन को लेकर दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा प्रमंडल के अधीन चांडिल जीआरपी और आरपीएफ की पुलिस बल की तैनाती जगह- जगह की गई है. रेलवे ट्रेक से 100 मीटर दूरी पर धारा 144 लागू किया गया है. रेल परिचालन धीरे- धीरे किया जा रहा है.
अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन के पहले दिन स्थिति सामान्य है. आद्रा प्रमंडल रेलवे के नीमडीह स्टेशन में आंदोलनकारी अपनी मांग को लेकर पहुचे मगर रेलवे ट्रैक से 200 मीटर दूरी पर ही रेल पुलिस बल द्वारा घेराबंदी किये जाने की वजह से आंदोलनकारियों को रेलवे ट्रेक पर चढ़ने नही दिया गया. सभी लोग रघुनाथपुर से नीमडीह जाने वाले ग्रामीण सड़क पर जमे रहे. हालांकि आंदोलन का असर स्टेशन पर नही देखा गया. कोई आंदोलनकारी स्टेशन नही पहुचे. इधर जिला प्रशासन की भी मुकम्मल तैयारी को देखते हुए पहले दिन आंदोलन के शुरुआती दौर को बेसर माना जा रहा है. आगे कुड़मी समुदाय के लोग आंदोलन को लेकर रणनीति में तब्दीली करने की योजना बना रहे हैं.