सरायकेला/ Pramod Singh एक तरफ राज्य खाद्य आयोग की ओर से घूम- घूम कर जिलों में जनसुनवाई कर उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण का भरोसा दिलाया जा रहा है, दूसरी तरफ सरायकेला- खरसावां जिला के पीडीएस उपभोक्ताओं के साथ डीलरों की मनमानी जारी है. एक और जहां अगस्त महीने का राशन नहीं मिलने से उपभोक्ता बेहाल है, तो दूसरी तरफ एक अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया है.
जहां आदित्यपुर के पीडीएस समूह मां राधिका महिला समिति द्वारा एक महिला उपभोक्ता का राशन कार्ड महज इसलिए निरस्त कर दिया गया क्योंकि महिला ने महिला समूह के नाम पर संचालित हो रहे दुकान से पुरुष द्वारा राशन वितरण किये जाने पर आपत्ति जताई थी. पीड़ित महिला रीता गोराई शुक्रवार को अपनी फरियाद लेकर जिला मुख्यालय पहुंची. जांच पड़ताल करवाने के बाद उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी.
महिला ने पाया कि डीलर द्वारा उसका राशन कार्ड निरस्त करवा दिया गया है. विभाग के कर्मियों से जब महिला ने निरस्त करने का कारण पूछा तो उनके द्वारा यह बताया गया है पिछले छः महीने से उसने अनाज नहीं उठाया है, इसलिए उसका राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया है, जबकि पिछले जुलाई महीने तक का राशन उठाव से संबंधित ब्यौरा कार्ड में दर्ज है. अगस्त महीने का राशन किसी को नहीं दिया गया है. ऐसे में 6 महीने से राशन उठाव नहीं किए जाने का सवाल ही नहीं उठाता है. जब महिला अपनी बातों पर अड़ गई तब विभाग के कर्मचारियों ने भरोसा दिलाया कि एक हफ्ते में उसका नाम फिर से जोड़ दिया जाएगा. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर खेल क्या है ? रीता गोराई को किस गुनाह की सजा मिली है इसपर संज्ञान लेगा कौन. बहरहाल महिला रीता गोराई को कबतक इंतजार करना होगा यह देखना दिलचस्प होगा.