सरायकेला : झारखंड उड़िया समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मीनाक्षी पटनायक के आवासीय कार्यालय में हुई. इस बैठक में अल्पसंख्यक आयोग के गठन में उड़िया भाषियों की उपेक्षा किये जाने से उपस्थित सभी सदस्यों ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है. मीनाक्षी पटनायक ने कहा है कि राज्य में 40 लाख उड़िया भाषी हैं. अल्पसंख्यक आयोग के गठन के समय राज्य सरकार को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता थी. पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा व मुख्यमंत्री रघुवर दास के समय अल्पसंख्यक आयोग का गठन हुआ है जिसमें उड़िया भाषियों के प्रतिनिधि को भी शामिल किया गया था, परंतु वर्तमान सरकार उड़िया भाषी लोगों को नजरअंदाज कर रही है.
षाडंगी ने कहा कि अल्पसंख्यक आयोग के गठन में वर्तमान में भी उपाध्यक्ष का एक पद खाली है राज्य सरकार से उक्त रिक्त पद पर उड़िया भाषियों के नेतृत्वकर्ता को स्थान दिए जाने की मांग किया जा रहा है. इस संबंध में खरसावां के विधायक दशरथ गगराई से जल्द ही मुलाकात की जाएगी ताकि उड़िया भाषियों के इस आवाज को मुख्यमंत्री तक पहुंचा जा सके. उड़िया समाजसेवी सुदीप पटनायक, कोल्हू महापात्र एवं काशीनाथ कर ने कहा कि राज्य में सरकार की गठन में उड़िया भाषियों का बहुत बड़ा योगदान रहता है, सरकार इसको नजरअंदाज ना करें. अल्पसंख्यक आयोग के गठन में उड़िया भाषियों के प्रतिनिधि को अवश्य स्थान दें ताकि उडिया समुदाय एवं भाषा का विकास हो सके.