सरायकेला/ Pramod Singh देश में एकबार फिर बयानवीरों को लेकर सियासत गरमा गई है. लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच तमिलनाडु सीएम स्टालिन के पुत्र सह डीएमके नेता उदयगिरी स्टालिन द्वारा सनातनियो को खत्म करने संबधी बयान, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पुत्र के बयानों को अभिव्यक्ति की आजादी करार देना और राहुल गांधी के हिंदुत्व और हिन्दू को अलग- अलग ढंग से परिभाषित करने पर भजपाइयों ने इंडिया गठबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
सरायकेला भाजपा जिलाध्यक्ष विजय महतो ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. श्री महतो ने कहा की I.N.D.I.A गठबंधन ऐसे ही मानसिकता वालों का गठबंधन है. ऐसा प्रतीत होता है कि कौन कितना हिंदुओ को अपमानित कर सकता है. इनमें प्रतियोगिता चल रही है. उन्होंने कहा कुछ दिनों पूर्व राहुल गांधी ने विवादास्पद बयान दिया था, और कहा था हिंदू और हिंदुत्व अलग अलग है, और हमारी लड़ाई हिंदुत्व से है. लगता है उसी के परिणाम में उदयनिधि स्टालिन का यह बयान है.
श्री महतो ने कहा कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़के के बेटे ने विवादित बयान को अभिव्यक्ति की आजादी बताया है, जबकि नुपुर शर्मा के बयान के बाद यही लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भूल कर दंगाइयों का समर्थन कर रहे थे. राजस्थान में कन्हाई लाल की सर काट दी गई, एक शब्द नही बोले, बल्कि हत्यारों से सहानुभूति दिखाई. विजय महतो ने कहा कांग्रेसी मुहब्बत की दुकान में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे की सनातन विरोधी वीडियो के बाद अब उदयगिरी का हिंदुत्व को खत्म कर देने का प्रोडक्ट आया है.
गोडसे को गाली देने का कोई मौका नहीं छोड़ने वाला गांधी परिवार राजीव गांधी के हत्यारों पर मुहब्बत लुटा रहा है, क्योंकि इससे सत्ता मिलती है. उन्होंने कहा देश अब समझ रहा है कि सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़के को कांग्रेस अध्यक्ष सिर्फ इसी लिए बनाया है कि वह हिंदुओ में जातीय विभाजन का जहर घोल कर मिशनरी के लिए अवसर पैदा करें.
विजय महतो ने कहा कालांतर में कांग्रेस द्वारा हिंदू धर्म के बुराइयों को पढ़ाना भी साजिश था. अगर उनका इरादा नेक रहता तो वह सभी धर्मो की बुराइयां बताते. किताबों में सती प्रथा, घूंघट प्रथा को बुराई बताया, लेकिन यह बुराइयां समाज में कैसे आई नही पढ़ाया गया. उनकी साजिश हिंदू धर्म की बुराइयों का प्रचार कर हिंदू धर्म से लोगो को विमुख करना मात्र था. समय बदल चुका है. अब जात- पात के नाम पर हिंदू बंटने वाले नही 2024 चुनाव के बाद यह लोग ढूंढने से नही मिलेंगे.
इधर भाजपा के ही सरायकेला विधानसभा सभा के संयोजक सह पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने कहा अन्य मामलों की तरह उदयनिधि के सनातन धर्म के प्रति आपत्तिजनक बयान पर सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए उदयनिधि स्टालिन की ओर से दिए गए नफरत भरे भाषण को स्वत: संज्ञान लिया जाए, जो सांप्रदायिक वैमनस्य और सांप्रदायिक हिंसा को भड़का सकता है.” उन्होंने कहा है कि एक तरफ आतंकी संगठन आईएसआईएस हिंदुओं को जलाने और मूर्तियों को तोड़ने का आदेश दे रहा है. वहीं उदयनिधि स्टालिन जैसे लोग भी इसी काम को बढ़ावा दे रहे हैं. ये लोग केवल बोल नहीं रहे बल्कि अपनी पूरी ताकत भी लगा रहे हैं.
सर्वोच्च अदालत सहित भारत की सभी संवैधानिक संस्थाएं विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका, पत्रकारिता इनके लक्ष्यों और कृत्यों की अनदेखी कर रही हैं. मनोज कुमार चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट से सवाल किया है कि क्या वे इसी को न्याय समझते हैं कि हिंदुओं को कुचला जाता रहे और इस्लामिक जिहादियों के हाथों उन्हें मरवा दिया जाए. उन्होंने अनुरोध किया कि इसे अदालत की अवमानवना ना समझा जाए.
भारत एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश है. धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ उसके बाबजूद भारत में हर धर्म का सम्मान है. उन्होंने ये भी कहा कि हर धर्म का आदर करना चाहिए. तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान से हम जैसे सनातन धर्म में आस्था रखने वाले लोगों को चोट लगी है कैसे कथन बर्दाश्त से बाहर है उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के शाहीन अब्दुल्ला बनाम भारत सरकार के केस का जिक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ही देश में बढ़ते हेट स्पीच के मामलों को लेकर नाराजगी जताई थी और सरकार व पुलिस प्रशासन से बिना औपचारिक शिकायतों का इंतजार किए स्वतः संज्ञान लेने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर इन मामलों में देरी की गई तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है. श्री चौधरी ने कहा कि हम सनातन धर्म के महत्ता से अच्छी तरह परिचित हैं. हमारे देश का संविधान अपने इच्छा से पूजा करने और ईश्वर को मानने की स्वतंत्रता देता है. हम लोग उदयनिधि के बयान से बेहद नाराज़ हैं. इस तरह का बयान भारत की एक बड़ी आबादी को चोट पहुंचाने वाला है और संविधान के मूल सिद्धांत को भी ठेस पहुंचाता है. तमिलनाडु की सरकार ने स्टालिन के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया और उनके बयान का ही समर्थन करने लगी है. जो भारत के संविधान के विपरीत है अथवा मंत्री पद की शपथ का उल्लंघन है.
उदयनिधि के किस बयान पर हंगामा
दरअसल, तमिलनाडु के डीएमके सरकार में युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन के ‘सनातम धर्म को लेकर दिए बयान पर वाल मचा हुआ है. शनिवार को तमिल में एक बैठक को संबोधित करते हुए सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना महामारी से करते हुए इसे खत्म कर देने की बात कही थी. उन्होंने कहा ऐसी कुछ चीज़ें होती हैं जिनका विरोध करना काफ़ी नहीं होता, हमें उन्हें समूल मिटाना होगा.
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