सरायकेला/ Rasbihari Mandal पारा शिक्षक- गैर पारा जेटेट सफल अभ्यर्थी संघ झारखण्ड प्रदेश ने राजधानी रांची में राजभवन के समीप चल रहे जेटेट पास पारा शिक्षकों के आमरण अनशन कार्यक्रम को समर्थन देने की घोषणा की है. बुधवार को इस संदर्भ में एक प्रेसवार्ता के दौरान जानकारी देते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल दास ने कहा कि झारखण्ड प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 के तहत नियुक्ति पारा शिक्षकों सहित हर जेटेट पास अभ्यर्थियों का अधिकार है. बाहरी अफसरों द्वारा गुमराह होकर राज्य सरकार ने जरूर इस अधिकार के हनन का मार्ग प्रशस्त किया है. लेकिन हर जेटेट अभ्यर्थी हर स्तर पर अपने हक के लिए ज़ोरदार तरीके से आवाज उठाएगा.
सहायक आचार्य के नाम पर नौ घंटे परीक्षा का प्रारूप यूपीएससी में भी नहीं होता है. इसके अलावा इतने कठिन प्रारूप के बाद चपरासी रैंक का वेतनमान का प्रावधान निश्चित तौर पर यहां के आदिवासी और मूलवासी छात्रों के दमन की साज़िश है और हेमंत सरकार इस पर मौन समर्थन कर रही है. हेमंत सरकार को नहीं भूलना चाहिए कि राज्य के पारा शिक्षकों और बेरोजगार युवाओं के दम पर उनकी सरकार बनी है. राज्य के युवा उन्हें कुर्सी पर बिठा सकती है तो उतार भी सकती है. श्री दास ने आगे कहा कि फिलहाल राजधानी रांची में राजभवन के समीप अनशनकारी पारा शिक्षक सीमांत घोषाल के नेतृत्व में चल रहे जेटेट पास पारा शिक्षकों के आमरण अनशन कार्यक्रम को संघ पूरी तरह से समर्थन करेगा. उन्होंने जेटेट पास पारा शिक्षकों को निर्देश भी दिया है कि आमरण अनशन के बाद आंदोलन और तेज करने की आवश्यकता है. इसके तहत रांची मेन रोड में भिक्षाटन के साथ ही आगे सत्ता पक्ष के हर मंत्री और विधायक का हर जगह काला झंडा दिखाते हुए मुर्दाबाद के नारों से स्वागत करने की घोषणा हो. 2012 की नियमावली के तहत नियुक्ति के लिए हर एक जेटेट अभ्यर्थी अपनी पूरी ताकत झोंक देगा.