जमशेदपुर/ सरायकेला: हाल ही में संपन्न हुए संसद के मॉनसून सत्र में पेश नियंत्रक और महालेखा परीक्षा (सीएजी) की रिपोर्ट में मोदी सरकार में हुए घपले- घोटालों का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में लाखों करोड़ रुपये की अनियमितता उजागर हुई है. इसको लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार खासकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. शुक्रवार को देशभर में कांग्रेस के नेता, मंत्री और विधायक प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार के घोटालों की सूची मीडिया से साझा किए हैं. जमशेदपुर में मंत्री बन्ना गुप्ता ने, तो सरायकेला में खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने संवाददाता सम्मेलन कर देश के प्रधानमंत्री से मांग किया है कि घोटालों एवं अनियमितता में शामिल मंत्रालयों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करें अन्यथा कांग्रेस पार्टी देशव्यापी जनआंदोलन करने को विवश होगी.
प्रेस को सम्बोधित करते हुए नेताद्वय ने कहा कि भारतमाला परियोजना के तहत द्वारका एक्सप्रेस- वे सड़क निर्माण जिसकी निर्माण लागत 18 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर कैबिनेट से मंजूर थी, उसे बढ़ाकर 250 करोड़ रूपया प्रति किलोमीटर कर दिया गया. मोदी सरकार की बहुप्रचारित आयुष्मान भारत हेल्थ स्कीम ने तो घपलों की सारी हदें ही पार कर दी. 7.5 लाख लाभुकों का एक ही मोबाईल नम्बर 9999999999 पर निबंधन पाया गया. ऐसे ही अन्य कई फर्जी नम्बर यथा 8888888888 पर भी हजारों लाभुक निबंधित पाये गये जिसका कैग की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा है.
बताया कि आयुष्मान भारत हेल्थ योजना में मोदी सरकार ने एक और अद्भुत रिकार्ड बनाया है. जिसमें मृत व्यक्तियों के नाम पर आयुष्मान स्कीम के तहत ईलाज दिखाकर राशि की निकासी कर ली गयी. ऐसे 88670 मृत व्यक्ति थे, जिनके नामों का इस्तेमाल कर फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया.
नेताद्वय ने कहा कि सिर्फ 5 टोल प्लाजा की रैंडम ऑडिट पर कैग ने पाया कि सड़क उपयोग करने वाली जनता से 132 करोड़ रूपये ज्यादा वसूली कर ली गयी. यह तो जनता की पॉकेटमारी थी. टोल प्लाजा के नियमों का एनएचएआई ने इस घपले को अंजाम दिया. स्वदेश दर्शन योजना अंतर्गत 14 परियोजनाएं थीं, जिसमें 8 प्रोजेक्ट में 22 माह से 47 माह तक का विलम्ब हुआ 6 परियोजनाएं अभी भी बाकी है. कैग की रिपोर्ट के मुताबिक 2014- 15 से 2018- 19 की अवधि में 76 प्रोजेक्ट के लिए 5.45,569 करोड़ रूपये थे. ये प्रोजेक्टस योजना आयोग वित्त मंत्रालय की आपत्ति के बावजूद शुरू कर दिये गये. पर्यटन मंत्रालय ने कैबिनेट की मंजूरी के बगैर ही फंड मंजूर कर दिया, जबकि 1000 करोड रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट के लिए कैबिनेट से मंजूरी लेना जरूरी होता है. इस योजना में 15 पर्यटन सर्किटों की पहचान की गयी थी, जिसके विकास के लिए 76 प्रोजेक्ट मंजूर किये गये.
इसके अलावा कोयला खदानों की नीलामी में भारी अनियमितता का आरोप रिपोर्ट में लगाया गया है. बताया गया कि कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया की ऑडिट करने पर कग ने पाया कि इसमें पब्लिक मनी की लूट और बंदरबांट हुई है. कोयला खदानों की नीलामी में प्रतिस्पर्धा होना चाहिये था वह नहीं हुआ. ऐसा कारपोरेट्स और उनकी सहायक कम्पनियों के घालमेल से मैनेज हुआ. नीलामी की गयी खदानों के मूल्यांकन (मूल्य असेसमेंट) में त्रुटियां और विसंगतियां थी, जिससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ. पहले दो चरण में नीलाम की गयी 11 कोयला खदानों की नीलामी बोली में कम्पटीशन का संभावित स्तर हासिल नहीं पाया गया.
कैग ने हिन्दुस्तान ऐरोनाटिक्स द्वारा इंजन की डिजाईन में की गयी त्रुटियों के कारण 159 करोड़ रूपया का नुकसान सरकार को हुआ. बताया कि भारतमाला की परियोजनाओं की निविदा प्रक्रिया में कैग नेत्रुटियां पायी है. इस परियोजना में निर्माण लागत 15.37 करोड़ रूपया प्रति किलोमीटर थी. इसे बढ़ाकर 32 करोड़ रूपया प्रति किलोमीटर कर दिया गया.