कांड्रा Bipin Varshney: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कांड्रा मोड़ से केंद्रीय सदस्य कृष्णा बास्के एवं जिला उपाध्यक्ष झामुमो राम हांसदा के नेतृत्व में एक विशाल मोटरसाइकिल रैली निकाली गई. यह रैली कांड्रा मोड़ से शुरू होकर गम्हरिया , आदित्यपुर होते हुए वापस कांड्रा मोड में समाप्त हुआ.इस रैली में हजारों की संख्या में आदिवासी युवक अपने पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए एवं एकजुटता का परिचय दिया.
ज्ञात हो कि देश में जनजातीय आबादी को भूमि अधिकार, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सांस्कृतिक संरक्षण से संबंधित अनूठी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने, अन्य देशों के साथ, आदिवासी समुदायों की जीवन स्थितियों में सुधार और उनकी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने के लिए कई उपाय किए हैं, जैसे कानूनी प्रणालियों को मजबूत करना, शैक्षिक सहायता प्रदान करना और सतत विकास नीतियों को लागू कर रहा है. आदिवासी समुदाय के लोगों के बुनियादी अधिकारों के प्रति जागरूकता और सुरक्षा लाने के हर साल 9 अगस्त को दुनिया भर में विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है.
यह कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण जैसे विश्व मुद्दों को उठाने के लिए मूल लोगों की उपलब्धियों और योगदान का भी जश्न मनाता है. विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस उस संस्कृति और प्रयासों को समृद्ध करने पर केंद्रित है जो दुनिया भर में स्वदेशी लोगों द्वारा अनुभव किया जाता है. इस अवधारणा की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा दिसंबर 1994 में की गई थी. यह 1982 में मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण पर उप-आयोग के स्वदेशी आबादी पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह की बैठक का पहला दिन था.
दुनिया के तमाम देशों में आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं. इनकी भाषाएं, संस्कृति, त्योहार, रीति-रिवाज और पहनावा सबकुछ अलग है. आदिवासी लोगों को अपना अस्तित्व, संस्कृति और सम्मान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. इस जनजाति को संरक्षण और बढ़ावा देने, इनकी संस्कृति व सम्मान को बचाने के लिए आदिवासी दिवस मनाया जाता है.