कुचाई: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर कुचाई के बिरसा स्टेडियम में आदिवासी सामाजिक मंच द्वारा पारंम्परिक ढंग से अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया गया. इस दौरान प्राकृति की पूजा- अर्चना कर आदिवासी भाषा- संस्कृति की रक्षा का संकल्प लिया.
वहीं अपनी संस्कृति व परम्परा के अनुसार जिंदगी गुजारने व अधिकारों को लेकर संघर्ष करने का निर्णय लिया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पोड़ाहाट के मानकी कृष्णा चन्द्र सामड ने कहा कि संघर्ष ही आदिवासी का जीवन दर्शन है. जन्म से मृत्यु तक संघर्ष करना हम आदिवासियों की नियती बन गई है. आइए अपने हक अधिकारों के लिए एकजूट होकर संघर्ष करे.
उन्होने एकजुट होकर सामाजिक समस्याओं को दूर करने, जल- जंगल- जमीन की रक्षा करने, अपनी भाषा- संस्कृति को बचाये रखने, समाज को शिक्षा से जोड़ने, जीविकोपार्जन पर ध्यान देने, सभी को साथ लेकर आगे बढ़ने तथा आदिवासी समाज के विकास पर ध्यान देने की अपील की.
वहीं मुखिया राम सोय ने कहा कि शिक्षा के बिना किसी भी समाज का विकास सभंव नही है. हमारे समाज में शिक्षा का अभाव है. शिक्षा के बल पर हम समाज के अग्रिम पंक्ति में खडे हो सकते है. इसके अलावे समाज के विभिन्न बृद्विजीवीओं ने अपने- अपने विचार रखकर अपने अधिकारों की रक्षा करने की बात कही.
इस दौरान मुख्य रूप से समाजसेवी बांसती गागराई, पोड़ाहाट के मानकी कृष्णा चन्द्र सामड, मुखिया राम सोय, मुखिया करम सिंह मुंडा, पंसस जयती मुंडा, विधायक प्रतिनिधि भरत सिंह मुंडा, धर्मेंद्र कुमार मुंडा, लखीराम मुंडा, मुन्ना सोय, लुबूराम सोय, मनोज मुइुईया, मानकी मुंडा, राम कृष्णा मुण्डारी, तुरीराग सोय, दशरथ उरावं, धमेन्द्र कुमार मुंडा, गोलाराम लौवादा, पार्वती गागराई, बनवारी लाल सोय, राजमोहन गुदूवां, सुखराम मुंडा, मजुरा मुंडा, राजमोहन गुन्दुवा, राजेन्द्र बांदिया, राम कुष्णा मुंडारी, मानकी मुंडा, रावकन बाकिरा, बुधराम सरदार, पाण्डेराम मुंडा, श्यामलाल मुंडा, रासाय सोय, राम कृष्णा सोय, पदुमोहन मंुडा, शंभू सिंह मुंडा, शिबु बांकिरा, आदि उपस्थित थे.