कांड्रा : शहीद निर्मल महतो के शहादत दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि देने जा रहे झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के अध्यक्ष जयराम महतो का कांड्रा मोड में विजय महतो, राम महतो एवं कार्यकर्ताओं ने फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया और सैकड़ों की तादात में जेबीकेएसएस के कार्यकर्ता कदमा के उलियान स्थित निर्मल दा के समाधि स्थल पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने निकले. वहीं जयराम महतो ने सरकार से चौथे स्तंभ के माध्यम से स्वर्गीय निर्मल महतो को शहीद का दर्जा देते हुए विधानसभा में उनकी प्रतिमा स्थापित करने की मांग की.
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ज्ञात हो कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष रहे जमशेदपुर के कदमा के उलियान निवासी निर्मल महतो की हत्या के बाद झारखंड आंदोलन आक्रामक हो गया था. इसके बाद अलग राज्य का मार्ग प्रशस्त होता चला गया. आंदोलन की बदौलत झारखंड अलग राज्य का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ. निर्मल महतो की हत्या आठ अगस्त 1987 को जमशेदपुर के बिष्टुपुर में नार्दर्न टाउन स्थित चमरिया गेस्ट हाउस के सामने गोली मारकर उस समय कर दी गई थी, जब वे अपने सहयोगियों के साथ खड़े होकर बातचीत कर रहे थे.
संयुक्त बिहार के दौरान उस हत्या के विरोध में जमशेदपुर समेत पूरे प्रदेश में बवाल हुआ था.झामुमो के अध्यक्ष रहते निर्मल महतो ने पार्टी को एक ताकतवर संगठन बना दिया था. 1986 में आजसू का गठन निर्मल महतो ने ही किया था. आंदोलन में आजसू की अहम भूमिका रही थी. निर्मल महतो का जन्म 25 दिसंबर 1950 को हुआ था. उनकी सामाजिक पहचान थी. समाज के दुख-दर्द को गंभीरता से लेते थे. उन्होंने सूदखोरों के खिलाफ आंदोलन चलाया था. सोनारी उलियान में निर्मल महतो की समाधि है. झामुमो हर साल निर्मल महतो की पुण्यतिथि को शहादत दिवस के रूप में मनाता है. इसमें दूर-दूर से लोग अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने आते हैं. आज भी पूरे झारखंड में निर्मल महतो को याद किया जा रहा है.
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