चांडिल: प्रखंड प्रमुख अमला मुर्मू की सदस्यता रद्द होने के बाद उप प्रमुख रामकृष्ण महतो को कार्यभार संभालने का मौका मिला है. परंतु इस कार्यभार को रामकृष्ण महतो ने पदभार मान लिया है और स्वयं को प्रमुख बता रहे हैं. चांडिल उप प्रमुख रामकृष्ण महतो ने पत्र बंध (लेटर पैड) छपवाया है, जिसमें उन्होंने स्वयं को प्रमुख बताया है. इतना ही नहीं इस लेटर पैड को वह प्रशासनिक अधिकारियों को भी प्रेषित कर रहे हैं
वहीं, अपने वाहन पर प्रमुख का बोर्ड लगवाकर बड़े शान से घूम रहे हैं. लोगों से यह भी कहते हैं कि प्रमुख अमला मुर्मू की सदस्यता रद्द होने के बाद उन्हें प्रमुख बनाया गया है.
हाल ही में चांडिल थाना क्षेत्र के बिरिगोड़ा में एक अवैध शराब के मिनी फैक्ट्री का उद्भेदन हुआ था, जिसके बाद उप प्रमुख रामकृष्ण महतो ने स्वयं को चांडिल प्रमुख बताते हुए लैटर पैड का उपयोग करके कोल्हान डीआईजी को एक पत्र भेजा था. उक्त पत्र को जिन तथ्यों को बताया गया है, उससे प्रतीत होता है कि कार्यभार मिलने के बाद रामकृष्ण महतो प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि प्रशासनिक महकमे में उनकी पूछ हो. पत्र में कहा है कि चांडिल तथा चौका थाना क्षेत्र में अवैध स्क्रेप टाल, कोयला, आयरन, डिपो धड़ल्ले से चल रही है, जिसके कारण क्षेत्र में चोरी की घटनाएं होती हैं. पत्र में डीआईजी से आग्रह किया गया है कि क्षेत्र से अवैध कारोबार बंद किया जाय और पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किया जाय. इस पत्र से यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि रामकृष्ण महतो ने स्वयं को प्रमुख बताते हुए यह पत्र कोल्हान डीआईजी को क्यों लिखा होगा ?
देखें पत्र का मजमून
पंचायत राज अधिनियम के तहत प्रमुख की अनुपस्थिति अथवा उक्त पद किन्हीं कारणों से रिक्त होने की स्थिति में उप प्रमुख को ही कार्यभार सौंपा जाता है. ध्यान देने वाली बात है कि कार्यभार और पदभार में अंतर होता है. शायद इस बात का ध्यान जिला प्रशासन और उप प्रमुख रामकृष्ण महतो को नहीं है, या फिर जानबूझकर रामकृष्ण महतो द्वारा प्रशासन के बीच अपनी धाक जमाने के उद्देश्य से इस तरह के हथकंडों को अपनाया जा रहा है.
इस मामले को लेकर जिला पंचायत राज पदाधिकारी धनवीर लकड़ा ने कहा कि चांडिल उप प्रमुख को चांडिल प्रमुख का कार्यभार सौंपा गया है न कि वे निर्वचित प्रमुख हैं. वह उप प्रमुख ही है, जिन्हें प्रमुख पद के कार्यों का निर्वहन करने का दायित्व मिला है. यदि वे स्वयं को प्रखंड प्रमुख बताकर लैटर पैड और वाहन पर प्रमुख का बोर्ड लगाकर घूम रहे हैं तो यह पंचायती राज अधिनियम के विरुद्ध है, इसके लिए कार्रवाई होगी. इस मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी जाएगी.
*जानें क्या है पूरा मामला*
दरअसल, पिछले साल चांडिल प्रखंड के प्रमुख का चुनाव हुआ था, जिसमें प्रमुख पद के लिए अमला मुर्मू और गुरुपद हांसदा ने चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में अमला मुर्मू को कुल 13 मत तथा गुरूपद हांसदा को 8 मत प्राप्त हुए थे. इस चुनाव में अमला मुर्मू चांडिल प्रमुख के लिए निर्वचित हुई. इसके बाद अमला मुर्मू के प्रतिद्वंद्वी गुरूपद हांसदा ने सरायकेला- खरसवां उपायुक्त के न्यायालय में शिकायत दर्ज कराया. उक्त शिकायत में अमला मुर्मू के जाति प्रमाण पत्र को लेकर आपत्ति जताई गई हैं. न्यायालय में तर्क दिया गया है कि अमला मुर्मू पश्चिम बंगाल की बेटी हैं और वह विवाह होकर झारखंड की बहू बनी है, ऐसे में अमला मुर्मू को झारखंड में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है. इसके लिए चुनाव आयोग के नियमावली का हवाला दिया गया है. उपायुक्त के न्यायलय ने गत 19 मई 2023 को अमला मुर्मू के सदस्यता को रद्द करने का आदेश दिया है. उक्त आदेश को झारखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है.
चुनाव आयोग ने गत 26 जुलाई को चांडिल प्रमुख का चुनाव कराने की तिथि निर्धारित की थी, लेकिन 25 जुलाई को ही झारखंड उच्च न्यायालय ने चुनाव पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है. उसके चलते अभी तक प्रमुख चुनाव नहीं हो पाया है.
इधर, गत 5 जुलाई को चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी ने आदेश जारी करते हुए चांडिल उप प्रमुख रामकृष्ण महतो को प्रमुख का दायित्व सौंपा है, यानी उप प्रमुख को प्रमुख का कार्यभार सौंपा गया है लेकिन उप प्रमुख रामकृष्ण महतो द्वारा स्वयं को प्रमुख बताते हुए नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है.
Reporter for Industrial Area Adityapur