सरायकेला/ Pramod Singh सड़क सुरक्षा के सारे प्रयासों को धत्ता बताते हुए सरायकेला की सड़कें अब खूनी हो चली है. आए दिनों सड़कों पर सड़क दुर्घटना में जान- माल की क्षति आम बात बनी हुई है. बावजूद इसके ना प्रशासन गंभीर दिख रहा है. और ना ही सड़क पर चलने वाले वाहन चालक और वाहन सवार. प्रशासन की ओर से यदि प्रयास अधिक बढ़े तो विभिन्न स्थानों पर जांच नाका लगाकर विशेष रूप से बाइक सवारों से फाइल वसूलने की कवायद पूरी कर ली जाती है.
बहरहाल इन्हीं घटनाओं के बीच रविवार की देर रात भी सरायकेला थाना अंतर्गत सरायकेला- खरसावां मुख्य मार्ग पर कीता गांव के समीप घटी एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में बुरुडीह गांव निवासी 22 वर्षीय युवक परेश पड़िहारी को जान गवानी पड़ी. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि चालियामा के रुंगटा माइन्स में काम करने वाले परेश अपनी ड्यूटी खत्म कर वापस अपने घर की ओर अपनी बाइक से जा रहे थे. इसी दौरान कीता गांव के समीप सड़क किनारे खड़ी ट्रैक्टर से उनके बाइक की सीधी टक्कर हो गई. जिसमें ऑन द स्पॉट परेश की मौत हो गई. घटना के बाद सड़क एंबुलेंस द्वारा परेश को सदर अस्पताल लाया गया. मौके पर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है.
बहरहाल पूरे मामले में यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि सड़क किनारे ट्रैक्टर बिना किसी सिग्नल के खड़ी थी. किता गांव के समीप पूर्व में भी इस प्रकार के सड़क दुर्घटना में कई लोग जान गवा चुके हैं. किता गांव के समीप सड़क किनारे अंधेरे में बिना किसी सिग्नल के बड़े वाहनों का खड़ा रहना आम बताई जा रही है.
*वाहन जांच के नाम यातायात पुलिस करती है खानापूर्ति*
सरायकेला- खरसावां जिले में जांच के नाम पर ट्रैफिक पुलिस की ओर से सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है, जिले में सड़क किनारे खड़े वाहन ओवर लोडिंग पर कार्रवाई न होने से नियम कानूनों की धज्जियां उड़ रही हैं. इससे वाहन चालक बेखौफ हैं. कार्रवाई के नाम पर आंकड़े भरे जा रहे हैं. सरायकेला- खरसावां जिले के ट्रैफिक पुलिस सिर्फ अपनी जेब भरने का काम कर रही है.