सरायकेला/ Desk Report झारखंड सरकार के गृह कार्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी किए गए अधिसूचना के तहत राज्य के कई जिलों के उपायुक्त एवं एसपी का ट्रांसफर- पोस्टिंग किया गया है. इसी कड़ी में सरायकेला- खरसावां जिले के उपायुक्त एवं एसपी बदले गए हैं. दोनों अधिकारियों के संयुक्त जुगलबंदी में जिले का वैसे समय में विकास हुआ जब पूरी दुनिया कोविड महामारी के दौर से गुजर रही थी.
बता दें कि दोनों अधिकारियों का पदस्थापन कोरोना काल में हुआ था. एक ऐसे समय में दोनों अधिकारियों को जिले की कमान मिली जब इंसान इंसान के लिए किसी काम का नहीं रह गया था. दोनों अधिकारियों के संयुक्त जुगलबंदी में न केवल जिले को वैश्विक त्रासदी से उबारा गया, बल्कि हर जरूरतमंदों तक समय पर राहत और बचाव सामग्रियों को पहुंचाया गया.
उपायुक्त अरवा राजकमल की बात करें तो सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को समाज के अंतिम पंक्ति तक पहुंचाने में उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. चाहे सदर अस्पताल के आधुनिकीकरण का मामला हो, मंत्री चंपई सोरेन के शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि हर व्यक्ति तक पहुंचे के सपनों को साकार करने में उन्होंने महती भूमिका निभाई. दोनों के संयुक्त प्रयास से सरायकेला में 100 बेड के अस्पताल के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ जो निर्माणाधीन है. मंत्री चंपई सोरेन के हर निर्देशों का पालन करते हुए उन्होंने जिले में विकास को गति देने का काम किया. उनके कुशल क्रियान्वयन की वजह से उन्हें एवं उनकी टीम को राष्ट्रपति के हाथों 2023 का भूमि सम्मान प्राप्त हुआ. पिछले साल आए प्रलयंकारी बाढ़ में उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व का परिचय देते हुए हर प्रभावितों के लिए राहत शिविरों का प्रबंध कराया और उन्हें जरूरी सामान उपलब्ध कराए. कुल मिलाकर यूं कहें तो उपायुक्त के तौर पर अरवा राजकमल का कार्यकाल बेहतरीन रहा, जो सालों तक याद किया जाएगा.
वहीं एसपी आनंद प्रकाश की अगर बात करें तो उनका कार्यकाल भी बेहद ही उपलब्धियों भरा रहा, हालांकि उन्हें शुरुआत से ही कई झंझावतों का सामना करना पड़ा, मगर आज उन्हीं की देन है कि जिला नक्सल मुक्त जिला होने की सूची में शामिल हो सका है. जल्द ही भारत सरकार की ओर से अधिसूचना जारी हो जाएगी. इस संबंध में भारत सरकार के गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है. उनके कार्यकाल में सबसे बड़ी उपलब्धि एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस की गिरफ्तारी, दुर्दांत नक्सली महाराज प्रमाणिक का आत्मसमर्पण और कुचाई के जंगलों में दो नक्सलियों का एनकाउंटर रहा. उनके कार्यकाल में जिले में एक भी नक्सली घटनाएं नहीं हुई. वहीं शहरी अपराध की अगर बात करें तो आदित्यपुर के चर्चित कन्हैया सिंह हत्याकांड की गुत्थी सुलझाना उनके लिए बड़ी चुनौती थी. जिसे उन्होंने सुलझा कर अपनी योग्यता साबित कर दी. इसके अलावे एकआध को छोड़ कोई भी कांड अनसुलझा नहीं रहा. सभी कांडों का उद्भेदन उनके कुशल नेतृत्व में जिले के पुलिस पदाधिकारियों ने कर दिखाया. कुछएक मौके पर उनकी किरकिरी भी हुई मगर पुलिसिंग के मामले में उनका कार्यकाल बेहतर रहा. कुल मिलाकर उपायुक्त अरवा राजकमल एवं एसपी आनंद प्रकाश का कार्यकाल जिला के लिए उपलब्धियों भरा रहा जिसे सालों तक याद किया जाएगा.