कांड्रा : (Bipin Varshney) इस वैज्ञानिक युग में आज भी लोग अंधविश्वास के चक्कर में ना सिर्फ रिश्तों का गला घोट रहे हैं, बल्कि हैवानियत की सारी हदें पार कर रहे हैं. वह भी तब जब डायन जैसे अंधविश्वास को लेकर लोगों में जन जागरूकता फैलाने के लिए जिला प्रशासन और जिला पुलिस लगातार अभियान चला रही है. लोगों को इसके बुरे परिणाम से अवगत कराया जा है. मामला कांड्रा थाना अंतर्गत बुरुडीह पंचायत के बड़ामारी (बाड़ेगोड़ा) गांव का है. जहां गांव की ही एक महिला सुमी हांसदा पर डायन होने का संदेह व्यक्त करते हुए गांव के ही तीन लोगों ने गुरुवार की रात उसके पति लेचा हांसदा और पुत्र नुचुन हांसदा पर जानलेवा हमला किया.
जानकारी के अनुसार पहले तो उनको घर से निकाल कर लाठी-डंडों से उनकी पिटाई की और फिर शीघ्र ही गांव छोड़ने की धमकी दी गई. अन्यथा की स्थिति में पूरे परिवार को खत्म करने की चेतावनी भी आरोपियों द्वारा दी गई. इस घटना के बाद पीड़िता का पूरा परिवार अपनी जान माल की सुरक्षा को लेकर भयभीत हो गया. आरोपियों में एक मुखिया का पति और अन्य उसके साथी हैं. दहशत का आलम देखिए कि आरोपियों के दहशत से पीड़िता और उसका परिवार पुलिस के पास जाने से भी डर रहा था, लेकिन डायन बिसाही को लेकर क्षेत्र में व्यापक जन जागरूकता चलाने वाली पद्मश्री छुटनी महतो का उन्हें सहारा मिला.
पीड़िता ने छुटनी महतो को अपनी पूरी आपबीती सुनाई, जिसके बाद छुटनी महतो ने उन्हें स्थानीय थाने में ले जाकर शिकायत करने को कहा और स्वयं इस मामले में पहल की. शनिवार को सुमी हांसदा कांड्रा थाना पहुंची और थाने में गांव के ही मुखिया पति गौरीशंकर टुडू, अजय टुडू एवं रेचाइदा निवासी लुस्कू टुडू के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराते हुए उन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की.
अपने पत्र में सुमी हांसदा ने कहा है कि उन तीनों व्यक्तियों द्वारा कई दिनों से उस पर डायन होने का संदेह व्यक्त किया जा रहा था और कई बार उनके द्वारा बदसलूकी और गाली-गलौज की गई. शिकायत मिलने के बाद स्थानीय पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है और आगे की कार्रवाई जारी है. अब यहां यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि डायन बिसाही को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने का बीड़ा उठाने वाली पुलिस आरोपियों के विरुद्ध क्या और कैसी कार्रवाई करती है, जिससे आमजन में डायन जैसे अंधविश्वास को लेकर एक सकारात्मक माहौल स्थापित हो सके.