चांडिल/ सरायकेला- खरसवां जिले के चांडिल थाना क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. यहां नकली और मिलावट शराब के कारोबार में संलिप्त माफियाओं के आपसी लड़ाई के कारण पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. माफियाओं के वर्चस्व की लड़ाई के चक्कर में जिले के एसपी आनंद प्रकाश की बदनामी हुई और चांडिल के तत्कालीन थाना प्रभारी अजित कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई हुई है.
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दरअसल, चांडिल थाना क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से नकली शराब का कारोबार जमकर हो रहा था. बताया जा रहा है कि चांडिल थाना क्षेत्र में कालिया गोप उर्फ रमानाथ गोप अवैध शराब का मुख्य सरगना है. काफी समय से कालिया गोप एंड गैंग द्वारा नकली शराब के दर्जनों मिनी फैक्टरी का संचालन किया जा रहा था. इनके द्वारा चांडिल समेत अन्य क्षेत्रों में जहरीली शराब की सप्लाई की जा रही थी.
इस बीच जमशेदपुर का एक गैंग सक्रिय हो गया और शराब कारोबार के क्षेत्र में पांव पसारने लगा. इस गैंग में भगीरथ गोराई, प्रकाश मंडल, रमेश प्रसाद और निखिल कुमार सिंह का नाम सामने आया है. इस प्रकार कालिया गैंग और जमशेदपुर गैंग चांडिल थाना क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार में सक्रिय हो गए.
बताया जाता है कि दोनों गैंग अवैध शराब के कारोबार में अपना वर्चस्व स्थापित करने को लेकर लालायित थे. इस बीच कालिया गैंग ने कुछ स्थानीय लोगों के माध्यम से कोल्हान डीआईजी को जमशेदपुर गैंग के ठिकानों की जानकारी दी. जिसपर डीआईजी ने संज्ञान लेते हुए टीम गठित कर चांडिल थाना क्षेत्र के बिरिगोड़ा में छापेमारी करवाया. इस कार्रवाई में करीब 1100 पेटी नकली शराब, शराब के डब्बे, खाली बोतलें बरामद की गयी. इसके साथ ही मौके पर शराब मिलावट करते हुए सात युवाओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. इस मामले में कुल 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है.
इस अवैध शराब कारोबार के खुलासे के बाद कोल्हान डीआईजी अजय लिंडा ने चांडिल थाना प्रभारी अजित कुमार पर विभागीय कार्रवाई की, और उन्हें लाइन हाजिर कर दिया.
इस कार्रवाई के बाद से जिले के पुलिस कप्तान आनंद प्रकाश की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे, एसपी के दामन पर छींटे पड़ने लगे. सवाल खड़े होने लगे हैं कि आखिर इतने बड़े शराब के कारोबार की जानकारी एसपी को क्यों नहीं हुई ? आखिर डीआईजी को स्वयं इस मामले पर कार्रवाई क्यों करनी पड़ी ? तत्कालीन थाना प्रभारी अजित कुमार को लाइन हाजिर किए जाने के बाद एक तरफ डीआईजी अजय लिंडा के कार्यशैली को सराहना मिली तो दूसरी ओर एसपी आनंद प्रकाश समेत जिले के पुलिस विभाग की खूब किरकिरी हुई. दूसरी ओर आबकारी विभाग भी खूब बदनाम हुआ.
अपनी बदनामी और किरकिरी से नाराज आबकारी विभाग ने इस बीच कालिया गैंग के अवैध शराब के अड्डे पर दबिश दी. आबकारी विभाग के अवर निरीक्षक निर्भय सिन्हा के नेतृत्व में मंगलवार को चांडिल थाना क्षेत्र के दलमा की तराई स्थित काठजोड़ गांव में छापेमारी की गयी. जहां एक घर के अंदर मिनी शराब फैक्टरी चल रही थी. छापेमारी कर आबकारी विभाग ने 31 पेटी नकली शराब, विभिन्न ब्रांड के पैकेट, स्प्रिट, स्टिकर इत्यादि बरामद की है. वहीं, मौके पर काठजोड़ निवासी कन्हाई सिंह तथा नीमडीह थाना क्षेत्र के पाथरडीह निवासी मोतीलाल सिंह को गिरफ्तार किया है. इस दौरान आबकारी विभाग के अवर निरीक्षक निर्भय सिन्हा ने बताया कि काठजोड़ में अवैध रूप से मिनी शराब फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था, जिसका मुख्य सरगना चिलगु निवासी कालिया गोप उर्फ रामानाथ गोप तथा जमशेदपुर के धीरज कुमार है, दोनों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया गया है. जबकि गिरफ्तार किए गए कन्हाई सिंह और मोतीलाल सिंह को जेल भेज दिया गया है.
इस प्रकार से गौर करें तो नकली शराब के धंधे में संलिप्त दो गैंग अपना वर्चस्व स्थापित करने के चक्कर में एक दूसरे के काले कारनामों का स्वयं ही भांडा फोड़ दिया है. मजेदार बात यह भी है कि डीआईजी को कालिया गोप के ठिकानों की जानकारी क्यों नहीं हुई ! उधर एसपी आनंद प्रकाश ने साफ कर दिया है कि किसी भी कीमत पर अब इन गैंगों को पनपने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने नए थानेदार को विशेष टास्क देकर प्रतिनियुक्त किया है.
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