खरसावां : कुचाई के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में लीगल लिट्रेसी क्लब, जिला विधिक सेवा प्राधिकार सरायकेला की ओर से विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में उपस्थित बालिकाओं को रैगिंग निषेध अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम,बाल विवाह के दुष्परिणाम पर विस्तृत जानकारी दी गई.
बालिकाओं को जानकारी देते हुए पीएलवी मुकेश कुमार साहू ने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध है. किसी भी बालिका, जिसने अपनी आयु 18 वर्ष, बालक जिसने अपनी आयु 21 वर्ष पूर्ण न की हो, उसका विवाह कराया जाना प्रतिबंधित है. समाज में व्याप्त अंधविश्वास एवं रूढीवादी परंपरा के कारण समाज के कुछ अभिभावक, संरक्षकों द्वारा अपने पुत्र, पुत्रियों की शादी अक्षय तृतीय के शुभ अवसर पर पावन एवं शुभ मानकर की जाती है जिनमें कई बाल विवाह भी होते हैं. जो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 का खुलकर उल्लंघन है.
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी शैक्षणिक संस्था के परिसर के भीतर या इसके बाहर किसी भी रूप में रैगिंग नहीं करेगा. कोई भी व्यक्ति जो उपधारा के उपबन्धों का उल्लंघन करता है, दोष सिद्धि पर कारावास, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकती है या जुर्माना जो 50 हजार रुपए तक का हो सकता है, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा. इसके अलावे किशोरी न्याय अधिनियम पर भी जानकारी दी गई. विधिक जागरूकता शिविर में मुख्य रूप से पीएलवी मुकेश कुमार साहू, कस्तूरबा की वार्डन, शिक्षिका व बालिकाएं उपस्थित थीं.