सरायकेला/ Pramod Singh गुरू पूर्णिमा के उपलक्ष्य में सोमवार को सरायकेला सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में गुरूपूजन सह गुरुसम्मान का आयोजन किया गया. ऋषि गुरु वेदव्यास जी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर विद्यालय के शिक्षक एवं बच्चों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया.
साथ ही स्कूली बच्चों द्वारा गुरु शिष्य परंपरा का अनुपालन करते हुए गुरुजनों का पैर पूजन किया गया तथा सम्मान में उन्हें उपहार दिया गया. सामूहिक प्रार्थना के उपरांत विद्यालय के भैया- बहनों ने गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष में अपने- अपने विचार हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत भाषाओं में प्रस्तुत किए. कुछ भैया- बहनों ने कविता के माध्यम से गुरु के महत्व को बताए.
गुरु पूर्णिमा के महत्व के बारे में बताते हुए विद्यालय के उप प्रधानाचार्य तुषार कांत पति ने सभी भैया- बहनों और आचार्य- दीदी को गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी. और कहा कि हर वर्ष हम लोग आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं. इसी दिन आदि गुरु महर्षि व्यासदेव जी का जन्म हुआ था. वेदों की रचना कर उन्होंने समाज को ज्ञान प्रदान किया. जीवन में गुरु का स्थान सर्वोपरि है. गुरु हमारे मार्ग को प्रशस्त करते हैं. हमें सही दिशा में चलने के लिए प्रेरित करते हैं. माता- पिता भी हमारे गुरु हैं. उनका आदर और सम्मान निश्चित रूप से होने चाहिए. विद्यालय में आचार्य- दीदी द्वारा हमें ज्ञान की प्राप्ति होती है. हमें अच्छे संस्कार और अच्छे व्यवहार मिलते हैं. गुरु अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले होते हैं. गुरु के बिना ज्ञान प्राप्ति संभव नहीं है. उन्होंने एकलव्य की गुरुभक्ति का उदाहरण देकर भैया बहनों को गुरु की महत्ता के बारे में जानकारी प्रदान की. राम आचार्य ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए. मंच संचालन शालिनी दीदी ने किया. इस अवसर पर सभी विद्यालय के भैया- बहन और आचार्य- दीदी उपस्थित थे.