आदित्यपुर: बीते रविवार को थाना क्षेत्र के दिंदली बाजार के दुकानदारों की शिकायत पर कथित रंगदारी मांगने वाले युवकों को गिरफ्तार कर थाना लाने और पहचान के लिए दुकानदारों के पास ले जाने के क्रम में मीडियाकर्मियों द्वारा तस्वीर लेकर नाबालिग को खुलेआम घुमाने की बात सरासर अफवाह और भ्रामक है. उक्त बातें थाना प्रभारी राजन कुमार ने कही.
उन्होंने कहा कि आरोपियों के साथ किसी तरह का कोई अमानवीय व्यवहार नहीं किया गया है, न ही उनके साथ बाल सुरक्षा कानून का उल्लंघन किया गया है. कुछ मीडियाकर्मियों द्वारा गलत तरीके से दुष्प्रचारित किया जा रहा है. उन्होंने कहा गिरफ्तारी के बाद बच्चों के उम्र से सम्बंधित प्रमाण पत्र मांगे गए जिसमें उनके नाबालिग होने की जानकारी मिली उसके बाद उन्हें सुरक्षित कस्टडी में रखा गया है. वैसे सभी बच्चों की उम्र 17 साल से अधिक है. वरीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गयी थी. अबतक शिकायत नहीं मिलने के कारण उन्हें डिटेन किया गया है. चूंकि गिरफ्त में आए बच्चों का कोई पूर्व से आपराधिक इतिहास नहीं है इसी वजह से उनके खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया है. पुलिस का काम किसी के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना नहीं है. उन्होंने बताया कि जिस वक्त बच्चों की गिरफ्तारी हुई उनके परिजन भी मौजूद थे. बेवजह मामले को तूल दिया जा रहा है जरूरत पड़ने पर वैसे भ्रम फैलाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी.
क्या है मामला
दसअसल बीते रविवार को दिंदली बाजार के दुकानदारों ने अपराधकर्मी कादिम खान के बेटे पर बाजार के दुकानदारों से हथियार के बल पर रंगदारी मांगने की शिकायत लेकर थाने पहुंचे थे. जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हैं थाना प्रभारी एवं उनकी टीम ने सभी आरोपियों को धर दबोचा गया. थाना प्रभारी द्वारा गिरफ्तार कर लाने एवं पहचान करने के लिए बाजार ले जाने के क्रम में कुछ लोगों ने बच्चों की तस्वीर ले ली और उसे वायरल कर दिया. जिसका फायदा उठा कर कुछ मीडिया कर्मियों द्वारा जेजे एक्ट का मामला बताकर थाना प्रभारी की भूमिका को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है.