सोनुआ/Jayant Pramanik सोनुआ अस्पताल में विगत 31 मई को प्रसव के लिये आयी बोयकेड़ा गांव की एक गर्भवती महिला नंदी गागराई को बेहतर ईलाज के लिये चाईबासा रेफर किया गया था, लेकिन एम्बुलेंस नहीं मिलने से उसकी मौत हो गयी थी, जबकि इस दौरान अस्पताल परिसर में 108 एम्बुलेंस खड़ी थी.
इस मामले में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जांच की मांग की थी. इस मामले में चक्रधरपुर के मानवाधिकार कार्यकर्ता बैरम खान ने स्वास्थ्य विभाग के राज्य स्तरीय आला अधिकारियों और मानवाधिकार आयोग को शिकायत पत्र भेजा था. स्वास्थ्य विभाग ने अब इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच शुरू कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग के कोल्हान प्रमण्डल की उप निदेशक डॉ० भारती मिंज ने सोमवार को सोनुआ अस्पताल पहुंचकर इस मामले की जांच- पड़ताल की.
उन्होंने अस्पताल के डॉक्टर, अन्य स्वास्थ्यकर्मियों और 108 एम्बुलेंस के ड्राईवर व स्टाफ से बात कर जानकारी ली. उप निदेशक डॉ० भारती मिंज ने चक्रधरपुर अनुमण्डल अस्पताल में इस विषय पर मानवाधिकार कार्यकर्ता बैरम खान से भी बात की. जिसमें बैरम खान ने जिले के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को ठीक करने की मांग उठाई. मौके पर डॉ० भारती मिंज ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस मामले में जो शिकायत मिली थी उसपर जांच की जा रही है. वैसे इस मामले में अस्पताल प्रबंधन और 108 एम्बुलेंस की कार्यप्रणाली को दोषी बताने से बचती रही.
पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला तो बैरम खान जायेंगे हाईकोर्ट
मानवाधिकार कार्यकर्ता बैरम खान ने कहा कि वे विभाग के जांच से संतुष्ट नहीं हैं. स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक द्वारा जांच के बिंदुओं पर जो बातें बताई जा रही है, उससे भी वे संतुष्ट नहीं हैं. जांच के नाम पर खानापूर्ती हो रही है. वे विभाग के आगे की कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं. पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलेगा तो वे इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जायेंगे.