खरसावां: कोल्हान प्रमंडल के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के मैट्रिक उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था किये बिना डिग्री कॉलेजों में इंटर का एडमिशन बंद करने से अभिभावकों और विद्यार्थियों में असमंजस की स्थिति उत्पन हो गई है. मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट निकले एक महीने बाद भी विद्यार्थियों और अभिभावकों में असमंजस की स्थिति व्याप्त है. सरकार का स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं होने से विद्यार्थियों का भविष्य गर्त में समाने की ओर अग्रसर है.
उक्त बाते खरसावां के समाजसेवी सह युवा नेता विनोद बिहारी कुजूर ने एक प्रेस बयान जारी कर दी. उन्होने कहा कि कोल्हान प्रमंडल एक सुदूरवर्ती प्रमंडल है. यहां के विद्यार्थी आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है कि प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन करा पाये. अंगीभूत डिग्री कॉलेजों मे हर साल इंटर की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की तादाद हजारों की संख्या में है. इसका वैकल्पिक व्यवस्था किये बिना डिग्री कॉलेजों में इंटर की एडमिशन बंद करना सरकार की नीति और नीयत पर सवाल खड़ा करता है. जिससे विद्यार्थियों को अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है.
शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों का कहना है कि डिग्री कॉलेजों के नजदीकी प्लास टू उच्च विधालय में एडमिशन लेना चाहिए. नजदीकी प्लास टू उच्च विद्यालयों में भी सीटों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है और ना ही इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और ना ही लैब की स्थिति अच्छी है. जिससे छात्र अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त हो पाएं. छात्रों का अच्छे डिग्री कॉलेजों से इंटर का पढ़ाई कर अपनी भविष्य संवारने का सपना बस सपना ही रह गया है. श्री कुजूर ने कहा कि सरकार छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है, रिजल्ट के एक महीने बाद भी निर्णय नहीं ले पाना यह दर्शाती है कि सरकार छात्रों के मुद्दे पर गंभीर नहीं है. सरकार से आग्रह है कि विद्यार्थियों के हित और समाज हित को देखते हुए तत्काल इस पर संज्ञान लेना चाहिए, चूंकि आज के विद्यार्थी कल के समाज और देश के भविष्य हैं. इसको देखते हुए देश के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए.