चक्रधरपुर/ Ashish Kumar Verma, देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून 1975 में लगाए गए आपातकाल के विरोध में रविवार को भाजपाइयों ने काला दिवस मनाया. इस मौके पर भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं ने काला बिल्ला लगाकर इसका विरोध किया.
इस दौरान राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक षाड़ंगी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लोकतंत्र की हत्या करते हुए 25 जून 1975 को देश पर जबरन थोपे गए आपातकाल को काला अध्याय बताते हुए इसके लिए कांग्रेस पार्टी को जनता से माफी मांगनी की बात कही. आपातकाल में इंदिरा सरकार ने मनमानी करते हुए जनंसघ के बड़े नेताओं को जहां जेल में बंद कर दिया था, वहीं मीडिया पर लगाम लगाने मीडिया संस्थानों में ताला लगवा दिया. आपातकाल में जनता के बोलने की आजादी छीन ली गई थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध ठहराने के बाद इंदिरा गांधी द्वारा मनमानी, तानाशाही रवैया अपनाते हुए अपनी कुर्सी बचाने के लिए देश पर जबरदस्ती आपातकाल थोपा गया. आपातकाल में चुनाव स्थगित कर नागरिकों के अधिकारों का दमन किया गया. लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने इसे भारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि कहा.
आपातकाल की घोषणा के साथ ही आरएसएस के स्वंयसेवकों व तमाम गैर कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हो गई. विपक्षी नेताओं के आवाज को दबाते हुए जेल में बंद कर प्रताड़ित किया जाने लगा. आपातकाल के खिलाफ सत्याग्रह करने वाले लाखों लोगों को जेल भेज दिया गया. जो कांग्रेसी आज अभिव्यक्ति की आजादी व लोकतंत्र की बात करते है, उन्हें आपातकाल को याद कर लेना चाहिए. इसके साथ ही श्री षाड़ंगी ने कहा कि आपातकाल के समय कांग्रेस के द्वारा जिन विपक्षी नेताओं को जेल में डाला गया था. आज उनमें से कुछ नेता केवल सत्ता के लिए उसी कॉंग्रेस के साथ खड़े दिख है.
इस मौके भाजपा नेत्री मालती गिलुवा, शेष नारयण लाल, नगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, अशोक दास, दीपक सिंह, गौतम रवानी, विनोद शर्मा, अभय साव, अर्जित वर्मा, पप्पू षाड़ंगी, अश्वनी प्रामाणिक, रूपलाल विश्वकर्मा, मदन विश्वकर्मा, मोहन यादव, संदीप साव, इंद्रजीत रवानी, शिवलाल रवानी, विनोद प्रामाणिक, गणेश ताँती, ललन प्रजापति, राजेश राय आदि कार्यकर्ता मौजूद थे.