औरंगाबाद: बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को केंद्र सरकार की खिलाफत करने वाले विपक्षीय दलों की बैठक होने जा रही है. इस बैठक में देश के तमाम विपक्षी पार्टियो के राष्ट्रीय अध्यक्ष शामिल होंगे. सचिवीय व्यवस्था वाले वामपंथी दलों के राष्ट्रीय महासचिव बैठक में हिस्सा लेंगे. बैठक के आयोजन की अगुआनी प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे है, जिसमें राज्य सुप्रीमो लालू प्रसाद के पुत्र उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव उन्हें सहयोग कर रहे हैं. इस बैठक पर पक्ष- विपक्ष सबकी नजर है. वही नीतीश कुमार विपक्षी एकता बनाने की हर मुमकिन कोशिश में लगे हुए हैं.
विधवा दिवस के दिन विपक्ष करेगी विधवा विलाप: सांसद
औरंगाबाद के बीजेपी सांसद सुशील सिंह ने विपक्ष पर तंज कंसते हुए कहा कि बिहार के महागठबंधन समेत देश के समूचे विपक्ष ने विधवा विलाप करने के लिए बड़ा अच्छा दिन चुना है. 23 जून को अंर्तराष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जाता है. इस दिन ये लोग बैठक विधवाओं पर चर्चा करने के लिए नही कर रहे है, बल्कि बैठक में विपक्षी एकता के नाम पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोसेंगे. यह उस दिन उनका विधवा विलाप ही होगा. इनके पास और कोई एजेंडा तो है नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि जिसके पास 40 एमपी नहीं वह प्रधानमन्त्री बनने का सपना देख रहा है.
कांग्रेस पर साधा निशाना
विपक्षी दलों में एक पार्टी ऐसी है जिसका सिद्धांत ही अधिनायकवाद का है. जिसने अंतिम समय में 12 तारीख को बैठक को निरस्त करा दिया. नीतीश कुमार ने कहा कि सभी दलों से बात हो गई है, सभी आने को तैयार हैं और जब बैठक की तिथि नजदीक आती है तब कांग्रेस पार्टी यह कहती है कि बैठक में न तो हमारे अध्यक्ष आयेंगे और न ही राहुल गांधी आयेंगे, न नेहरु परिवार से कोई और प्रतिनिधि आएगा तो बाकी दलों के पार्टी ने कहा कि जब कांग्रेस ही नहीं आएगी तो बैठक होगी किस काम की. इस तरह कांग्रेस पार्टी अपना वर्चस्व रखते हुए अपना अधिनायकवाद चलाना चाहती है, तो फिर कैसी एकता, कैसा मिलन, कैसा गठबंधन. यह केवल जनता को मूर्ख बनाने का प्रयास है.
Reporter for Industrial Area Adityapur