औरंगबाद/ Dinanath Mouar भले बिहार सरकार सुशासन के लाख दावे कर ले. मगर औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड का कंन्तरी गांव अलग ही कहानी बयां कर रहा है. यहां के लोगों की पीड़ा भी आपको हम सुनाएंगे, मगर पहले आप यहां की जमीनी हकीकत को वीडियो में देखें.
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कागजों पर जहां बिहार सरकार सुशासन के बड़े- बड़े दावे करती है उसी बिहार के औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड का कांतरी गांव आज भी विकास की बाट जोह हो रहा है. जैसा कि आपने वीडियो में देखा कि गांव में एक अदद नाले के अभाव में लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं. प्रचंड गर्मी में एक तरफ जहां लोग लू के थपेड़ों से जूझ रहे हैं वहीं दूसरी गांव के नालों से बहाने वाला गंदा पानी लोगों के दिनचर्या में शामिल हो चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि नाले का पानी रोड पर बहने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नाले के अभाव में 50 घरों के लोग परेशान हैं. सड़क आज नाले में तब्दील हो गया है. लोगो का जीना दुश्वार हो गया है.
बाईट
सोहन सिंह (ग्रामीण)
ग्रामीणों का यह भी कहना था हम महादलित परिवार से आते हैं इसलिए हम लोगों को नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है. आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी आज तक हमारे मोहल्ले में नाली का निर्माण नहीं हो सका जिसके कारण नाली का पानी रोड पर जमा रहता है, जबकि इस रोड से तकरीबन दर्जनों गांव के लोगों का आना- जाना होता है. खासकर सड़क पर पानी जमा होने के कारण स्कूली बच्चों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
बाईट
बद्री प्रजापति (ग्रामीण)
वैसे इस जलजमाव को लेकर सरकार तथा जिला प्रशासन के खिलाफ ग्रामीण आक्रोशित है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन इस समस्या का समाधान नहीं कर पाती है तो आने वाला समय बिहार सरकार के लिए घातक सिद्ध होगा. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या बिहार सरकार अपनी विकास की किरण इन गांवों तक पहुंचाने में सफल हो पाती है, या फिर सरकार के विकास के दावे कागजों तक ही सिमटकर रह जाती है.
बाईट:- 2 बद्री प्रजापत ग्रामीण
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