औरंगाबाद/ Dinanath Mouar बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद भी हाल के दिनों में जिस तरह से औरंगाबाद जिले में शराब की बरामदगी हुई है, उससे साफ जाहिर हो रहा है कि बिहार में शराब माफियाओं की चांदी कट रही है. विदित हो कि बीते एक पखवाड़े में ही करीब दो करोड़ के विदेशी शराब अकेले औरंगाबाद जिले में आबकारी विभाग एवं पुलिस ने पकड़ा है.
इधर जिले में लगातार बढ़ते शराब माफियाओं के प्रभाव को देखते हुए लोग फिर से सरकार के समर्थन में एकजुट होकर सरकार के आदेशों को पालन कराने में जुट गए हैं. बीती रात जिले के बारुण थाना क्षेत्र के मौआर खैरा गांव में ग्रामीणों ने बिहार सरकार के शराबबंदी कानून को सफल बनाने को लेकर दुर्गा मंदिर प्रांगण में ग्राम सभा का आयोजन किया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता नव निर्वाचित सरपंच के पति राम प्रवेश पासवान ने किया. इस बैठक में सौकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया. बैठक में शराब सेवन से होने वाले नुकसान पर चर्चा किया गया. चर्चा के उपरांत ग्रामीणों ने शराब सेवन तथा शराब करोबारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की बात कही है.
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वहीं सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि मौआर खैरा गांव में शराबबंदी कानून को सफल बनाने को लेकर ग्रामीणों के साथ बैठक किया गया. जिसमें सैकड़ो की सख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने माँ दुर्गा के समक्ष यह शपथ लिया कि ना शराब का सेवन करेंगे और ना शराब का सेवन किसी को करने देंगे. अगर गांव का कोई भी व्यक्ति शराब के कारोबार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित पाया गया, तो उनके ऊपर कानूनी करवाई करने हेतु सम्बंधित विभाग को सूचना दिया जाएगा, जिसके लिए गांव में एक 11 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. इस कमेटी में गांव के सभी वर्ग के लोगो को सम्मलित किया गया है. और इस कमिटी को ग्रामीण तथा सरपंच द्वारा विशेषाधिकार दिया गया है, कि यह कमिटी शराब बेचने तथा शराब पीने वालों को चिन्हित कर इसकी सूचना थाना तथा उत्पाद विभाग के अधिकारियों को देंगे. अगर थाना या उत्पाद विभाग के अधिकारी द्वारा इस पर अमल नहीं किया गया तो इसकी सूचना जिला के वरीय अधिकारी को दिया जाएगा और सेवनकर्ता तथा कारोबारी एवं उस कार्य में मदद पहुंचाने वाले सरकारी मुलाजिमों को भी नहीं बख्शा जाएगा.
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रामप्रवेश पासवान (सरपंच प्रतिनिधि खैरा पंचायत)
वहीं इस कार्यक्रम के दौरान शपथ लेते हुए ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव में भारी संख्या में लोग शराब का सेवन करते तथा बेचते है. जिसके कारण कई लोगो को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है. कई परिवार बर्बाद हो गये है. जिसको लेकर यह बैठक किया गया है. जिसमे यह निर्णय लिया गया कि अब न तो हमारे गांव में कोई शराब का सेवन करेगा, और न ही शराब बेचेगा. अगर यह कार्य करते हुए कोई भी व्यक्ति पकड़ा गया तो उसे कानून के हवाले कर दिया जायेगा. इधर ग्रामीणों के इस फरमान के बाद शराबी तथा शराब कारोबारियों में हड़कम मच गई है. वहीं ग्रामीणों द्वारा लिए गए इस कठोर निर्णय से हर घर की महिलाओं के चेहरे पर एक अनोखी मुस्कान लौट आयी है. वैसे देखना यह दिलचस्प होगा कि इसपर वाकई अमल होता है, या बैठक कागजों और अखबारों की सुर्खियों तक ही सिमटकर रह जाता है.
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हरेन्द्र मौआर (ग्रामीण)