सरायकेला: जिला बार एसोसिएशन की पहल पर न केवल जिले के अधिवक्ताओं बल्कि समाज हित से जुड़े मामलों का भी समाधान हो रहा है. बता दें कि जिला बार एसोसिएशन की पहल पर करीब दस वर्षों से लंबित सरायकेला को खरसावां से जोड़ने वाले संजय नदी पर बने कुदरसाही पुल तक पहुंचने के लिए एप्रोच रोड का मार्ग प्रशस्त हो गया है. साथ ही सिविल कोर्ट के दाहिनी छोर पर स्थित लोक अभियोजन कोर्ट के पीछे अधिवक्ताओं के सिरिस्ता के समीप होने वाले जलजमाव की समस्या से निदान का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष ओमप्रकाश एवं संयुक्त सचिव प्रशासन भीम सिंह कुदादा ने बताया कि गुरुवार को रांची जाकर भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव से मुलाकात कर जिला व्यवहार न्यायालय में होनेवाले जलजमाव को लेकर किए गए कार्यो की सराहना की एवं उन्हें धन्यवाद दिया. साथ ही लोक अभियोजक कार्यालय के तरफ होनेवाले जलजमाव की समस्या से अवगत कराया एवं उसके निदान की मांग रखी. एसोसिएशन के दोनों पदाधिकारियों ने संभावना जताई कि बरसात के दिनों में करीब 50 अधिवक्ताओं का सिरिस्ता डूब सकता है.
इसके अलावा सिविल कोर्ट के 16 कोर्ट भवन के रूफ ट्रीटमेंट के लिए 24 लाख रुपए एवं विभिन्न भवनों के मेंटेनेंस के लिए विभाग में पड़े लागभग 60 लाख रुपए आवंटित करने की मांग की गई, ताकि जर्जर भवनों को दुरुस्त करायी जा सके. दोनों अधिकारियों द्वारा जर्जर कोर्ट एवं भवनों की तस्वीर भी उपलब्ध कराई गई. इस दौरान संयुक्त सचिव को बताया गया कि सरायकेला भवन निर्माण विभाग के सरायकेला डिवीजन में कार्यपालक अभियंता के अलावे ना तो कोई एसेसमेंट इंजीनियर है ना ही जूनियर इंजीनियर, जबकि जिला में 2 एई एवं 6 जेई का स्वीकृत पद है. इंजीनियर के अभाव में कोर्ट में चल रहे कार्यों के गुणवत्ता की जांच नहीं हो पा रही है. जिस पर संयुक्त सचिव ओनिल क्लेमेंट ओड़ेया ने जल्द ही कोर्ट मरम्मति के लिए फंड आवंटित करने, सिरिस्ता को ऊंचा करवाने एवं इंजनियर का पोस्टिंग करने का आश्वासन दिया.
इसके साथ ही एसोसिएशन द्वारा बीते पांच अप्रैल को झारखंड सरकार के मुख्य सचिव एवं पथ निर्माण विभाग के सचिव को पत्र लिखकर सरायकेला- खरसावां को जोड़ने वाले कुदरसाही पुल को एक महीने के भीतर शुरू कराने की मांग की गई थी. बता दें कि एप्रोच रोड के अभाव में पुल से आवागमन अब तक शुरू नहीं हो सका है. बताया गया कि खरसावां क्षेत्र से प्रतिदिन सिविल कोर्ट के करीब 25 से 30 अधिवक्ताओं का आवागमन होता है. बरसात के दिनों में जलजमाव की वजह से अधिवक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा बड़ी संख्या में आबादी का भी आवागमन उक्त मार्ग से होता है. बरसात के दिनों में पुल डूब जाने के कारण न केवल न्यायिक कार्य बल्कि जिला मुख्यालय तक भी आने- जाने का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है.
बार एसोसिएशन के दोनों पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि इस मुद्दे को लेकर पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख केके लाल ने बताया, कि सरकार इस पर काफी गंभीर है. बीते 30 मई को हुए उच्च स्तरीय बैठक में उक्त पुल के अप्रोच रोड बनाने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. जिसे जल्द ही शुरू किया जाएगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही उक्त पुल को जनता के लिए खोल दिया जाएगा.