सरायकेला: जिले के एकमात्र निबंधित पत्रकार संगठन द प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला- खरसवां के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को एसपी से मुलाकात कर एक मांग पत्र सौंपा है. इससे पूर्व प्रतिनिधिमंडल ने डीआईजी अजय लिंडा से मुलाकात कर जिले में प्रेस क्लब के नाम से संचालित संगठनों के वैद्यता की जांच कर उनसे जुड़े पत्रकारों एवं स्वघोषित अध्यक्ष भरत सिंह के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.
अध्यक्ष मनमोहन सिंह ने बताया कि जिले में एकमात्र निबंधित पत्रकार संगठन का मुखिया होने के नाते उनका कर्तव्य बनता है कि फर्जी पत्रकार संगठनों एवं उनसे जुड़े पत्रकारों के गतिविधियों की जानकारी जिले के अधिकारियों, कारोबारियों, बुद्धिजीवियों एवं जनप्रतिनिधियों को होना चाहिए. उन्होंने बताया कि कुछ चुनिंदा पत्रकार इन दिनों फर्जी संगठन बनाकर प्रेस क्लब के नाम का सहारा लेकर अधिकारियों, व्यवसायियों एवं जनप्रतिनिधियों का भयादोहन कर रहे हैं. इसकी शिकायतें उन्हें लगातार मिल रही हैं. वैसे लोग डीआईजी के नाम का सहारा लेकर अधिकारियों पर धौंस जमा रहे हैं और बात- बात पर भ्रामक खबरें प्रकाशित कर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं. उनपर तत्काल लगाम लगाने की जरूरत है.
डीआईजी अजय लिंडा को ज्ञापन सौंपते टीपीसीएसके का प्रतिनिधिमंडल
आगे श्री सिंह ने बताया कि कुछ लोगों के सह पर ऐसे फर्जी संगठन एवं उनसे जुड़े पत्रकार फलीभूत हो रहे हैं, यदि जल्द ही उनपर लगाम नहीं लगाया गया तो आनेवाले दिनों में इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे. स्वघोषित अध्यक्ष भरत सिंह के सम्बंध में उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे पत्रकारिता जगत के लिए कोढ़ हैं. उन्हें पत्रकारिता की मूल परिभाषा का भी ज्ञान नहीं है. उनके खिलाफ जमशेदपुर के कई थानों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं. एक मामले में वे जेल भी जा चुके हैं. कई बैंकों के डिफॉल्टर घोषित होने के बाद उन्होंने सरायकेला का रुख किया है. यहां भी उनके ऊपर कई थानों में आपराधिक मामले दर्ज हैं, बावजूद इसके वे चुनिंदा पत्रकारों को साथ लेकर स्वघोषित प्रेस क्लब बनाकर खुलेआम घूम रहे हैं. उन्होंने एसपी से तत्काल भरत सिंह के सारे केसों का सत्यापन करते हुए उनके पत्रकारिता डिग्री की भी जांच की मांग की है.
अध्यक्ष मनमोहन सिंह ने जिले के पत्रकारों से भरत सिंह जैसे स्वघोषित पत्रकारों को प्रश्रय ना देने की अपील की. उन्होंने कहा इससे पत्रकारिता कलंकित होगी. भरत सिंह एवं उनके संस्थान से जुड़े पत्रकारों द्वारा पीड़ित लोगों से अपनी पीड़ा साझा करने की अपील की. उन्होंने भरोसा दिलाया कि यदि भरत सिंह या प्रेस क्लब के नाम से कोई भी व्यक्ति किसी अधिकारी, कारोबारी, जनप्रतिनिधि या बुद्धिजीवियों को परेशान करें तो इसकी तत्काल सूचना उन्हें या पुलिस को दें.