खरसावां: राजकीय छऊ नृत्य कला केन्द्र शाखा खरसावां के छऊ कलाकारों ने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय एवं उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में विगत 18 मई 20 मई-2023 तक उड़िसा के बंलीगीर में आयोजित भीमा पहाड़ महोत्सव-2023 में भाग लेकर खरसावां के कलाकारों ने छऊ नृत्य की छटा बिखरी. कलाकारों ने भव्य छऊ नृत्य की भव्य प्रस्तुती से दर्शक मंत्रमुग्ध हुए.
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राजकीय छऊ नृत्य कला केन्द्र छऊ कलाकरों ने खरसावां शैली का प्रसिद्व शिकारी नृत्य की भव्य प्रस्तुती देकर यह दर्शाया कि हम अपनी प्राचीन परंपराओं का निर्वाह कर भी वन्य पशुओं की सुरक्षा कर सकते है. वन परिवेश में रचित इस नृत्य की प्रस्तुति सारंडा के बीहडों में भी की गई. आदिबासियों के प्रसिद्व पर्व सेंदरा पर आधारित इस नृत्य में शिकारी शिकार करने के लिए तो निकलते हैं, परन्तु उनकी गृहणियां उन्हें यह समझाने में कामयाब हो जाती है, कि इस आधुनिक युग में विलुप्त होती वन्य पशुयें हमारे लिए खतरा नहीं बल्कि हमारे वन की शान है. चूंकि ये हमारी संस्कृति के रक्षक है, अतः इनकी रक्षा हमारा दायित्व है. इसके अलावे पूजा परम्परा पर आधारित माया बंधन, द्वावापर लीला, पद्म बिहार आदि नृत्यों की भव्य प्रस्तुती से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया. साथ ही छऊ की छटा बिखेरी.
बंलागीर में छऊ नृत्य की भव्य प्रस्तुती करने वाले कलाकारों में छऊ छऊ गुरू, मो. दिलदार, बंसत गणतायत, सुदीप घोडाई, दुलाल कालिंदी, कांतो मछुवा, कमल महतो, सुरज हेम्ब्रम, शंकर बेहरा, लक्ष्मण बानसिंह, अनुप रविदास, ज्योति मोदक, अजंल केशरी, बंचिका मोदक, सुलोचना सहित 15 कलाकारों का टीम शामिल है.
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