चक्रधरपुर/ Ashish Kumar Verma, नगर क्षेत्र में वट सावित्री का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया गया. पति के स्वस्थ एवं लंबी उम्र की कामना को ले पतिव्रता नारियों का उमंग उत्साह देखते ही बन रहा था. सुबह सबेरे स्नानादि से निवृत्त होकर सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा सामग्री के साथ विधि पूर्वक पूजा अर्चना की. खासकर रानी तालाब के समीप स्थित वट वृक्ष में काफी संख्या में महिलाओं ने पूजा अर्चना कर अपने पतिजनो के लंबे उम्र की कामना किया.
पौराणिक धार्मिक मान्यताओं पर वट सावित्री पूजन का काफी महत्व माना जा रहा है. इसी मान्यताओं पर आधारित सभी महिला अपने पति के दीर्घायु होने के लिए वटवृक्ष के नीचे पूजा- अर्चना करती है तथा वृक्ष को अपने लाल धागे से बांधते हुए वृक्ष के चारों ओर सात बार चक्कर लगाती है तथा ईश्वर से प्रार्थना करती है कि उसके पति की आयु लंबी हो, महिलाओं की आस्था वटवृक्ष के नीचे लंबी कतार में देखने को मिलती है.
पुजारी नवल किशोर पाण्डेय ने कहा कि सुहागिनों द्वारा पति की दीर्घायु की कामना को लेकर किये जाने वाले इस व्रत का खास महत्व है. उन्होंने कहा कि पर्व से संबंधित पौराणिक कथाओं में कई जगह इस बात का जिक्र किया गया है कि महिलाओं द्वारा अपनी पति की लंबी आयु के लिए रखें गए व्रतों में बहुत शक्ति होती है. वट सावित्री का व्रत भी महिलाओं अपनी पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि के लिए करती हैं.
वट वृक्ष पर सुहागिनें जल चढा कर कुमकुम, अक्षत लगाती है और पेड़ की शाखा चारों तरफ से रोली बांधती है पुरे विधि विधान से पूजा करने के बात सती सावित्री की कथा सुनती है इतना ही नहीं अगर दांपत्य जीवन में कोई परेशानी चल रही है तो वह भी इस व्रत के प्रताप से दूर हो जाते हैं.