सरायकेला: जिले में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से जारी है. साथ ही जारी है उत्पाद विभाग और शराब माफियाओं का कातिलाना खेल. जिससे शराब के शौकीन भले कंगाल हो रहे हैं, मगर अधिकारी और शराब माफिया मालामाल हो रहे हैं.
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ऐसे हुआ खुलासा
बुधवार को आदित्यपुर पुलिस ने माझी टोला संजय नगर से 72 बोतल अवैध विदेशी शराब के साथ चरण पाल सिंह को हिरासत में लिया था, जिसने पुलिस के समक्ष सनसनीखेज खुलासा किया है, जिसके बाद पुलिस के होश उड़े हुए हैं. फिलहाल पुलिस ने चरण पाल सिंह को न्यायिक हिरासत में भेज जरूर दिया है, मगर शराब के इस खेल में शामिल खिलाड़ियों को बेनकाब करने में जुट गई है. थाना प्रभारी राजन कुमार ने बताया कि चरण पाल सिंह एक मोहरा है. असली खिलाड़ी कोई और है. हालांकि उन्होंने नाम नहीं बताया. जिसके बाद हमारी टीम ने शुरू किया इस काले खेल में शामिल नकाबपोश खिलाड़ियों की तलाश.
सूत्रों की अगर मानें तो आदित्यपुर इमली चौक स्थित अनुज्ञप्ति प्राप्त सरकारी लाइसेंसी शराब दुकान के संचालक राजेश सिंह, पंकज पांडे डीएस टावर स्थित शराब दुकान के लाइसेंसी रंजीत तिवारी और आरआईटी थाना अंतर्गत एनआईटी रोड स्थित लाइसेंसी शराब दुकान के संचालक माफियाओं से सांठगांठ कर सरकारी विदेशी शराब उन्हें उपलब्ध कराते हैं. रणधीर नामक शराब माफिया इनसे शराब लेकर झुग्गी बस्तियों एवं स्लम इलाको में भट्ठियां खोलकर मिलावट कर उन्हें शराब के शौकीनों को सरकारी दर पर बेचते हैं. रणधीर पूरे जिले के सरकारी शराब दुकादारों का चहेता है. सूत्र यह भी बताते हैं कि रणधीर को विभागीय अधिकारियों का भी संरक्षण प्राप्त है. रणधीर राजनगर इलाके से नकली शराब सभी अवैध शराब के ठेकों तक पहुंचाता है.
अधिकारी रहे नदारत, नहीं उठाया फोन
इस प्रकरण का खुलासा होते ही जब हमारी टीम ने उत्पाद अधीक्षक के सरकारी नंबर डबल 99341 24640 पर संपर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. हमारी टीम जिला उत्पाद कार्यालय पहुंची, मगर अधिकारी नदारद रहे. दिन के करीब 12:30 बजे ना तो उत्पाद अधीक्षक अपने कार्यालय में मिले, ना ही उत्पाद निरीक्षक.
हर बोतल पर 10 से 20 रुपये की हो रही अवैध वसूली
सरकारी अनुज्ञप्ति प्राप्त शराब के ठेके से शराब खरीदने पहुंच रहे लोगों से हर बोतल पर 10 रुपए से लेकर 20 रुपए तक की अवैध वसूली की जा रही है. शराब के शौकीन तय सरकारी दर से अधिक पैसे देकर शराब खरीदने को विवश हैं, क्योंकि उनके विरोध करने पर उन्हें या तो लौटा दिया जाता है, या उनके साथ बदसलूकी की जाती है. ऐसे कई मामले पूर्व में भी प्रकाश में आ चुके हैं. पूछने पर शराब दुकान में काम करने वाले कर्मचारियों एवं लाइसेंसी द्वारा कहा जाता है, जहां शिकायत करनी है करें. नीचे से लेकर ऊपर तक सेटिंग है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर किस तरह का सेटिंग है ! इस संबंध में या तो विभागीय अधिकारी बता सकते हैं या शराब माफिया.
वैसे जिले के सभी शराब दुकानों में अवैध वसूली की शिकायतें आती रहती है. जिस पर ना तो विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई किया जाता है, ना ही शराब माफियाओं को किसी से परहेज है. खानापूर्ति के नाम पर सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रहे अवैध महुआ शराब भट्ठियों को ध्वस्त कर विभाग अपना पल्ला झाड़ लेती है. अहम सवाल यह उठता है कि सरकारी शराब दुकानों की आड़ में हो रहे इस गोरखधंधे के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती है यह यक्ष प्रश्न है.
हालांकि आदित्यपुर थाना पुलिस द्वारा लगातार तीसरी बार अवैध शराब के इस खेल का भंडाफोड़ किया गया है. अब सभी की निगाहें आदित्यपुर थाना पुलिस के जांच रिपोर्ट और कार्रवाई पर टिकी है. क्या शराब माफियाओं पर शिकंजा कसेगा, या इसी तरह सब कुछ चलता रहेगा इसपर हमारी नजर बनी रहेगी.
देखें video
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