खरसावां: उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय ढिपासाई विलय का मामला पांच साल बाद पुनः तूल पकड़ चुका है. स्कूल विलय के निर्णय को चुनौती देते हुए स्कूल विलय के विरोध में खरसावां के ढीपासाही गांव के निवासी मकरो हो ने उच्च न्यायालय में केस संख्या डब्लूपीसी नंबर-4250/2018 के तहत मामला दर्ज करते हुए न्याय की गुहार लगाई है. यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है.
स्कूल विलय के बावजूद ढिपासाई स्कूल के विगत पांच सालों बच्चे बिना मध्यान भोजन के स्कूल में पठन पाठन कर रहे थे. यह मामला तब तूल पकड़ा जब विगत 11 मार्च 2023 से ई- विद्या वाहिनी पोर्टल में गलत यू- डायस कोड दर्ज कर बच्चों का अटेडेंस नही बनाने, आदिवासी बहुल क्षेत्र स्थित विद्यालय के छात्रों को मध्यान भोजन सहित अन्य शिक्षा विभाग के लाभ से स्कूली बच्चों को वंचित किया जा रहा था. मंगलवार को लगभग 11:00 बजे खरसावां के ढिपासाई के ग्रामीण अपने- अपने बच्चों को लेकर प्रखंड संसाधन केन्द्र खरसावां पहुचे और स्कूल विलय, ई- विद्या वाहिनी पोर्टल में गलत यू–डायस कोड दर्ज कर स्कूली बच्चों का अटेडेंस नही बनाने के विरोध में प्रदर्शन करते हुए डेरा डाल दिया.
साथ ही झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के तत्कालिन निदेशक किरण कुमारी पासी द्वारा जिला उपायुक्तों को लिखे पत्र का हवाला देते हुए वर्ष 2016- 17 एवं उसके बाद विभिन्न जिलों में 4098 विद्यालयों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा द्वारा निर्धारित मानक एक किलोमीटर के दायरे में एक प्राथमिक विद्यालय के स्थान पर एक से अधिक प्राथमिक विद्यालय रहने अथवा एक ही परिसर में एक से अधिक विद्यालय संचालित रहने के कारण प्रशासनिक एवं भोगौलिक रूप से मर्ज कर दिए गए है. उसी तरह ऐसे मध्य विद्यालयों जो निर्धारित 3 कीलोमीटर के परिधि में एक से अधिक विद्यालय रहने तथा छात्र संख्या जिन विद्यालयों में नगन्य थी, वैसे विभिन्न जिलों में 527 विद्यालयों को अवक्रमित कर प्राथमिक विद्यालय बनाया गया.
इसका हवाला देते हुए ग्रामीणों ने विद्यालय को पुनः चालू कराने की मांग की है. ग्रामीणो ने ढिपासाई स्कूल में 52 छात्र- छात्राओं के होने का दावा करते हुए बीईईओ के नाम पर एक ज्ञापन भी सौपा. ग्रामीणों को किसी तरह ठोस आश्वासन नही मिलनेंल के कारण शाम पांच बजे तक उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय ढिपासाई के अभिभावक और बच्चे प्रखंड संसाधन केन्द्र में डेरा डाल रखा था.
अध्ययनरत छात्रों को मिलता है सिर्फ पुस्तक
खरसावां के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय ढिपासाई में अध्ययनरत छात्र- छात्राओं को केवल पुरस्त एवं एफएसएन पुस्तक उपलब्ध कराया गया है. शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय को विकास राशि, पोषक छात्रवृति किट, विद्यालय में कार्यरत शिक्षक, रसोईया को भी मानदेय का भुगतान नही किया जा रहा है. जिस कारण विद्यालय के समक्ष समस्याए उत्पन हो रही है.
यह है मामला
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मापदंड का पालन नही करने के वाले स्कूल विलय प्रक्रिया के तहत खरसावां प्रखंड के ढिपासाई गांव में संचालित उत्क्रमित प्राथमिक विधालय का विलय उत्क्रमित मध्य विधालय दितसाही में करने का निर्णय शिक्षा विभाग के द्वारा लिया गया था. स्कूल विलय के विरोध में ढिपासाई के ग्रामीणों ने विगत 18 जुन 2018 को तत्कालीन खरसावां प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी वचन लाल यादव से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौपा था. जिसमें स्कूल विलय प्रक्रिया को स्थगित कर उच्चस्तरीय जांच की मांग किया था. वही 5 मई 2018 को भी उपायुक्त को ज्ञापन सौपकर उत्क्रमित प्राथमिक विधालय ढिपासाई को विलय प्रक्रिया से मुक्त रखने की अपील किया था. इसके बावजुद शिक्षा विभाग ने स्कूल का विलय करने का निर्णय लिया. जिसके विरोध में ग्रामीणों ने कहा कि बच्चों की पढाई बंद कर देगे लेकिन दूसरे गांव के स्कूल में नही भेजने का निर्णय लिया. वही ग्रामीणों ने उच्च न्यायालय में केस दायर कर न्याय की गुहार लगाई. वही ढिपासाई स्कूल में ही बच्चों को पढाने का निर्णय लिया. जबकि स्कूल विलय का हवाला देते हुए शिक्षा विभाग ने मध्यान भोजन की राशि व चालन बंद कर दिया. जिसके कारण मध्यान भोजना विगत 2 जुलाई 2018 से बंद हो गया है.
स्कूल विलय मामले पर ग्रामीणों के साथ होगा बैठक
खरसावां प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी वसुंधरा दास के फोन नही रिसिव करने पर बीआरसी के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी पंकज कुमार महतो से सर्पक किया गया. श्री महतो ने कहा कि उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय ढिपासाई विलय के मामला को लेकर आगामी 28 अप्रैल को सुबह 11 बजे ढिपासाई स्कूल परिसर में ग्रामीणों के साथ बैठक किया जाएगा. साथ ही शिक्षा विभाग के मापदंडो के साथ आगे की कार्रवाई की जाएगी.
ये थे मौजूद
सोमवारी पुर्ती, गीता पुरती, सुनिता कुई, मुनी होनहागा, गुरूवारी बानसिंह, तुलसी होनहागा, लोगेन होनहागा, अरूण होनहागा, सुनील होनहागा, फुलमति कुई, टेलको कुई, मुन्ना पुरती, पिंकी बोदरा, शंकरी गोप, मेचो बोदरा, जेमा गोप, लालमोहन गागराई, सुनिता पुरती, चिंगुडु होनहागा, जयपाल पुरती, कोदा लोहार, प्रकाश होनहागा, सरिता होनहागा,पिन्टु हो, मोकरो हो, शिवा गोप, गनेश गोप, शंकर बानसिंह, मालान्ति कुई, शिवचरण लोहार, गुरूवा बानसिंह, बेलमती हो, आन्नद हो सहित लगभग 65 ग्रामीण मौजूद थे.
Reporter for Industrial Area Adityapur