कांड्रा/ Bipin Varshney एक ओर अवैध उत्खनन और अवैध बालू के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन सख्ती बरतने के दावे करती है, वही दूसरी ओर प्रशासन के सख्त पहरे के बीच पहले जहां बालू का काला बाजार रात के अंधेरों में सज रहा था वहीं अब बालू माफिया दिन के उजालों में भी बेखौफ होकर काली कमाई करने में लगे हुए हैं. इन्हें ना तो प्रशासन की सख्ती की परवाह है और ना ही इन्हें अब कोई रोकने टोकने वाला.
प्रतिदिन 24 घंटे दर्जनों बालू लदे हाईवा को मुख्य मार्गों से होकर गुजरते आसानी से देखा जा सकता है. कांड्रा- चौका मार्ग पर स्थित गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा तथा कांड्रा मोड़ स्थित टोल प्लाजा में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखकर तथ्य की सत्यता जांची जा सकती है. हालांकि पहले जहां ट्रैक्टर मालिकों ने प्रशासन के भय से कारोबार बंद कर दिया था वही अब बड़ी गाड़ियों के परिचालन को देखते हुए उनके मन से भी खौफ खत्म होता जा रहा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी रोक के बावजूद रात के अंधेरे में नदियों से बालू का उठाव हो रहा है. लेकिन बालू की किल्लत ने बालू माफियाओं के लिए आपदा में अवसर प्रदान कर दिया है.
बालू की इन ऊंची कीमतों से भले ही राज्य सरकार के राजस्व में इजाफा नहीं हो रहा हो लेकिन बालू माफिया और प्रशासनिक अधिकारी चांदी काट रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी ना तो खनन विभाग को है ना ही जिला प्रशासन को बल्कि लोग दबी जुबान से सब कुछ सेटिंग गेटिंग के आधार पर संचालित होने की चर्चा कर रहे हैं.
देखें बालू के काले खेल की बोलती तस्वीर video
शुक्रवार को दिन दहाड़े कांड्रा के एसएम धर्म कांटा पर बालू लदे हाइवा को कांटा करते देखा गया. वहीं इस सम्बंध में जब खनन पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने स्थानीय थाना प्रभारी को सूचित करने की बात कही. वहीं थाना प्रभारी इसे अपने अधिकार से बाहर बताया. वहीं कांड्रा थाना के मुंशी मनोज कुमार राय द्वारा लगभग हरदिन रात के अंधेरे में बालू गाड़ियों को रोककर जांच करते हुए थाना प्रभारी के नाम पर वसूली करते देखा जा रहा है. आखिर किस अधिकार के तहत मुंशी द्वारा जांच किया जाता हैं ?
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हाइवा चालक
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